Bhilwara News : राजस्थान के भीलवाड़ा में परम श्री टेकरी के हनुमानजी भागवत कथा समिति के तत्वावधान में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा महोत्सव में कथावाचन करने आए हुए, पूज्य शांतिदूत पं. श्रीदेवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने सोमवार को ठहराव स्थल रामेश्वरम में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान बॉलीवुड पर सनातन धर्म का अपमान करने का आरोप लगाते हुए, तुरंत ईश निंदा कानून बनाने की मांग उठाई.


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ठाकुर ने कहा कि सनातन परम्पराओं और हमारी भावनाओं का जिस तरह अपमान हो रहा उसमें बॉलीवुड की अग्रणी भूमिका है. फिल्मों के माध्यम से सनातन धर्म में आस्था रखने वालों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है. बॉलीवुड ने भगवान राम, कृष्ण, शिव, देवी दुर्गा सभी को फिल्मों के माध्यम से अपमानित किया है. उन्होंने आने वाली फिल्म आदिपुरूष के ट्रेलर की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें भगवान राम का चित्रण जिस तरह हुआ. वो हमारी भावनाओं को चोट पहुंचाने वाला है. जितने भी प्रदेशों के मुख्यमंत्री है उन्हें सनातनियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए अपने-अपने राज्य में इस फिल्म को रिलीज की अनुमति नहीं देनी चाहिए.


उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में हमें भी अधिकार मिले हुए है और कोई हमारी भावनाओं को चोट पहुंचाता है तो उसे दंड दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अहिंसा परमों धर्म में विश्वास रखने वाले और सर्वे भवन्तु सुखिने की कामना करने वाले सनातन धर्म की छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके विरुद्ध जागृति उत्पन्न करते हुए आवाज बुलंद करनी होगी.


ठाकुर ने बढ़ती जनसंख्या को लेकर कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून तत्काल बनना चाहिए और हम दो हमारे दो भारत में रहने वाले हर परिवार पर लागू होना चाहिए. इसमें धर्म या जाति के आधार पर कोई भेद नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि किसी को हम दो हमारे दो का पाठ पढ़ाया जाए और कहीं पांच-दस बच्चों की लाइन लग जाए. जनसंख्या नीति सभी के लिए समान होनी चाहिए. 


पत्रकार वार्ता में भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने संबंधी बयानों पर ठाकुर ने कहा कि वो किसी जाति-धर्म के खिलाफ नहीं है लेकिन सनातन धर्म के लिए कार्य करते है. सभी अपना-अपना धर्म निभाएं लेकिन दूसरों का अपमान नहीं करें. भारत को ऐसा हिन्दू राष्ट्र बनाया जाना चाहिए. जिसमें सभी धर्मो की सुरक्षा हो और सभी धर्मो के लोग सुख-शांति के साथ रहे. 


उन्होंने कहा कि सर्वे भवन्तु सुखिने की कामना सनातन संस्कृति के अलावा किसी अन्य धर्म में नहीं की गई है. संविधान के माध्यम से होगा मथुरा-काशी का काम पं. श्रीदेवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और काशी में ज्ञानावापी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बारे में कहा कि हम संविधान को मानने वाले लोग है और कोर्ट के माध्यम से इन मामलों में भी कार्य कर रहे है.


शिव की पूजा काशी और कृष्ण की पूजा मथुरा में ही होगी. उन्होंने इस बात को दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के बाद अब भारत में भी देवी-देवताओं के अपमान की घटनाएं बढ़ती जा रही है. इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए कानून में सख्ती के प्रावधान करने ही होंगे.


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