Mandalgarh: भीलवाड़ा के मांडलगढ़ रेलवे स्टेशन पर कंटेनर डिपो यार्ड में माल ढुलाई के किराए में फर्जीवाड़े का मामला दो महीने पहले सामने आया था. इस फर्जीवाड़े मामले में बुधवार को जयपुर सीबीआई की टीम मांडलगढ़ रेलवे स्टेशन पर जांच करने पहुंची, यहां रेलवे अधिकारियों और ट्रांसपोर्ट कंपनी की फर्म ने मिलीभगत कर रेलवे को करोड़ों का चूना लगाया है. 


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जयपुर आई 4 सदस्यीय सीबीआई टीम ने कंटेनर डिपो से पाउडर के कुछ सैंपल उठाए है और करीब 20 से अधिक मालगाड़ियों में एलम पाउडर की आड़ में सोप स्टोन पाउडर लोडिंग संबंधी दस्तावेज जब्त कर टीम अपने साथ ले गई. सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक, कोटा-चितौड़गढ़ रेलवे मार्ग पर संचालित अन्य तीन डिपो से भी गुड्स ट्रांसपोर्ट संबंधी दस्तावेज जब्त कर जांच की जा रही है. मांडलगढ़ रेलवे स्टेशन पर सीबीआई टीम ने करीब 3 घंटे तक जांच कर स्टेशन कर्मचारियों से पूछताछ की. 


बता दें कि मांडलगढ़ में पिछले साल सितंबर माह से फरवरी 2022 तक तक रेलवे की करीब दो दर्जन से अधिक माल वाहक ट्रेने लोड हो चुकी थी, जिसमे एलम (फिटकरी पाउडर ) के नाम से हजारों टन सोपस्टोन ले जाया गया था, जबकि भीलवाड़ा जिले और आसपास के शहरों में कहीं पर एलम पाउडर की खदान ही नहीं है. 


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रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, एलम पाउडर का 1200 और सोप स्टोन का 2800 रुपये प्रति टन किराया निर्धारित किया हुआ है. इसी नियम का फायदा उठा कर निम्न स्तर के किराए में हजारों टन व्यवसायिक सोपस्टोन मांडलगढ़ से असम- गुवाहटी तक माल वाहक ट्रेनों से हजारों टन एलम पाउडर की आड़ में सोपस्टोन पाउडर भेजा गया है, जिससे करीब 12 करोड़ के मालभाड़े (किराए) की चपत रेलवे को लगी है. 


वहीं लाखों की GST छुपाई की गई है. बताया जा रहा कि ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक की केंद्र और राज्य के बड़े नेताओं से रसूखात के चलते इस मामले में लीपापोती शुरू हुई थी, लेकिन ज़ी मीडिया ने इस मामले का खुलासा करने के बाद रेलवे की विजिलेंस टीम ने भी जांच की और अब सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है. 


Reporter-Mohammad Khan


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