भीलवाड़ा: निजीकरण और श्रमिक विरोधी नीतियों से नाराज बैंक कर्मी सोमवार से दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं. उनके साथ भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हैं. हड़ताली कर्मचारियों ने सुबह एलआईसी की मुख्य शाखा के बाहर प्रदर्शन किया. हड़ताल आल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर की गई है.


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प्रदर्शन के दौरान बैंक इंप्लाइज यूनियन के सचिव अशोक बिड़ला ने बताया कि सरकार की नीतियां श्रमिक विरोधी हैं, जिन्हें किसी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा. एलआईसी यूनियन के चंदशेखर शर्मा का कहना है कि सरकार का जोर निजीकरण पर है. एलआईसी जैसी लाभ कमाने वाली संस्था को भी सरकार निजी हाथों में सौंपना चाहती है. 


उधर, बैंकों की दो दिनी हड़ताल में एनसीबीई (नेशनल कन्फेडरेशन आफ बैंक इंप्लाइज) के कर्मचारी शामिल नहीं हुए. 28 और 29 मार्च की हड़ताल में स्टेट बैंक कर्मी शामिल नहीं हैं. बैंक की शाखाएं दोनों दिन खुली हैं. इसके अलावा जिला सहकारी बैंक, निजी बैंक भी खुले हैं. 


हड़ताल के कारण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सेवाएं कुछ हद तक प्रभावित हो सकती हैं. बैंक ने कामकाज को सामान्य तौर पर संचालित करने के लिए जरूरी इंतजाम भी किए हैं. पंजाब नेशनल बैंक ने कर्मचारी संगठनों को लेकर नोटिस दिया है, इससे सेवाओं पर असर पड़ सकता है. 


कैनरा बैंक, आरबीएल बैंक, यूनियन बैंक ने भी कहा है कि उनकी सेवाओं पर असर पड़ सकता है. दो दिन की हड़ताल के बाद वित्तीय वर्ष के आखिरी दिनों में क्लोजिंग के कारण 30-31 मार्च को भी बैंकों में ग्राहकों के लिए सेवाओं पर असर पड़ सकता है.


(इनपुट-दिलशाद खान)