भीलवाड़ा: भीलवाड़ा शहर की पहचान इन दोनों उद्योग नगरी नहीं गड्ढों की नगरी के रूप में होने लगी है. वजह है सीवरेज परियोजना तय समय सीमा के बावजूद भी शहर में खुदाई का काम रुकने का नाम नहीं ले रहा. इसके चलते शहर के हालात बद से बदतर हो चले हैं.  गली मोहल्ले और मुख्य सड़कों पर बने गड्ढे भीलवाड़ा को गड्ढों की नगरी बना रहे हैं. इसी के विरोध में आज कावा खेड़ा शास्त्री नगर इलाके में क्षेत्रवासियों ने प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया. सीवरेज के अधिकारियों का मुंह काला करने तक की चेतावनी दे डाली. क्षेत्रवासियों का कहना है कि कावा खेड़ा क्षेत्र में सीवरेज लाइन डालने के लिए खोदे गए गड्ढों के बाद सड़कों की रिपेयरिंग नहीं की गई.


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लंबे समय से जिम्मेदार महकमे ने सड़कों की सुध तक नहीं ली, ऐसे में यहां की सड़कें बदहाल हो चुकी है. टूटी सड़कों से उड़ती धूल मिट्टी से लोग काफी परेशान हैं, वहीं, हर दिन कोई न कोई व्यक्ति इन गड्ढों में गिरकर चोटिल हो रहा है. 


सड़कों की मरम्मत की मांग को लेकर आज लोगो ने करीब एक घंटे तक जाम लगाकर प्रदर्शन किया. साथ ही सीवरेज और अन्य जिम्मेदार महकमों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. जाम लगाने वालो में महिलाएं भी शामिल थी. अक्रोशित लोगो ने प्रदर्शन के दौरान चेतावनी दी है. जल्द समस्या का समाधान नही किया गया तो जिम्मेदार अधिकारियों का मुंह काला किया जायेगा.


आपको बता दे की भीलवाड़ा शहर में चल रही सीवरेज योजना को लेकर संकट खड़ा हो गया है. 369 करोड़ का यह प्रोजेक्ट 23 अगस्त 2017 को शुरू होना था, लेकिन 6 महीने बाद 10 फरवरी 2018 को शुरू हुआ. इसकी पहली समय सीमा 22 अगस्त, 2020 थी, लेकिन समय सीमा चार बार बढ़ाई गई. काम अप्रैल, 2022 में पूरा होना था, लेकिन तब से समय सीमा पांचवीं बार बढ़ाकर जून, 2022 कर दी गई है. रुदीप के अधिकारियों का दावा है कि समय पर काम पूरा हो जाएगा.


लेकिन हकीकत में 408 किमी सिवरेज लाइन डाली जानी है, जिसमे से अभी 370 किमी लाइन का कार्य ही हुआ है. वह भी कई कॉलोनियों में आधा अधूरा है, जिसके कारण ही सड़को का फिर से निर्माण नहीं हो पा रहा. 


Report- Mohammad Khan