Bhilwara News: गुलाबपुरा में लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने पर तीन जिलों अजमेर, ब्यावर, भीलवाड़ा के जिला कलेक्टर कानिया गांव में पहुंचे. जहां पर ग्रामीणों ने पानी नहीं तो वोट नहीं का हवाला देकर  मतदान का बहिष्कार  किया है.


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वहीं गुलाबपुरा, मसूदा और ब्यावर के एसडीएम, तहसीलदार, विकास अधिकारी, बीसलपुर और चंबल योजना के XEN, JEN सहित अधिकारी गांव में पहुंचे है, जहां पर विद्यालय में ग्रामीणों और अधिकारियों ने आपस में चर्चा  की  है. जिसमें  अधिकारियों ने ग्रामीणों को लिखित में आश्वस्त  किया है.  इसके बाद  ग्रामीण मतदान  करने के लिए राजी हुए है. 


जानकारी के मुताबिक भीलवाड़ा जिले की हुरडा तहसील के कानिया गांव में लंबे समय से पेयजल समस्या है, बीसलपुर योजना से पाइपलाइन गांव तक डाली हुई है, लेकिन बीसलपुर योजना का पानी केवल कागजों में ही पहुंच रहा है, ऐसा ग्रामीणों का आरोप है .ग्रामीणों के पेयजल की पूर्ति गांव में मात्र एक कुएं से हो रही है, जहां का जलस्तर लगभग समाप्त हो चुका है, समस्त गांव के हर समाज की महिलाएं इस कुएं से एक एक लोटा पीने के लिए पानी निकाल ले जाती है.


कानिया गांव ऐसा गाव है जो भीलवाड़ा जिले में है, लेकिन लोकसभा चुनावों में मतदान अजमेर के प्रत्याशी के लिए करेगा, 3300 मत गांव में है, जो किसी भी पक्ष को जिताने और हराने में मददगार होंगे, वही इस गांव की सीमा ब्यावर जिले से भी लगी हुई है, जिसके चलते तीन जिलों के बीच ये इकलौता गांव फंसा हुआ है.


ग्रामीणों के जरिए अजमेर से होम वोटिंग के लिए पहुंची टीम के समक्ष विरोध दर्शाया, व पानी नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ ग्रामीणों की एकजुटता के आगे अजमेर से मतदान करवाने आई टीम को बैरंग लौटना पड़ा था.
लोकसभा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी के भी दौरे पर ग्रामीणों ने उनके समक्ष विरोध जताते हुए पानी नहीं तो वोट नहीं का नारे लगाए, इस दौरान चौधरी ने चुनाव के उपरांत समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था.


ऐसे में अब भीलवाड़ा जिला कलेक्टर, अजमेर जिला कलेक्टर, ब्यावर जिला कलेक्टर कानिया गांव में पहुंचे जहां पर गुलाबपुरा एसडीएम, तहसीलदार, विकास अधिकारी, ब्यावर एसडीएम, तहसीलदार, विकास अधिकारी, मसूदा एसडीएम, तहसीलदार, विकास अधिकारी सहित बीसलपुर व चंबल योजना के XEN, JEN व अधिकारी मौके पर मौजूद थे, जहां पर विद्यालय में ग्रामीणों की समस्या समाधान हेतु चर्चा की गई.


आखिरकार लिखित में निर्णय हुआ, व मतदान के लिए ग्रामीण तैयार हुए, समस्त अधिकारी वापस रवाना हुए. ग्रामीणों को अब आस है की पीने के लिए पेयजल पहुच जाएगा.