Bhilwara News:राजस्थान के मांडलगढ़ के पूर्व विधायक विवेक धाकड़ की संदिग्ध मौत मामले में आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है. पारिवारिक कलेश अब सड़क तक पहुंच चुका है और बहु के खिलाफ अब ससुर ने मोर्चा खोलते हुए अपने सैकड़ों समर्थको के साथ कलेक्ट्री पर प्रदर्शन किया.


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पूर्व जिला प्रमुख कन्हैयालाल धाकड़ ने अपनी पुत्रवधु पद्मिनी व उसके सहयोगियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए जिला कलेक्ट्री पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा. धाकड़ का आरोप है कि उनकी बहू ने ही अपने सहयोगियों के साथ षड्यंत्र रचकर उनके बेटे और पूर्व विधायक विवेक धाकड़ को जान देने के लिए मजबूर किया है.


धाकड़ के नेतृत्व में मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया. इस मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन भी सौंपा गया.ज्ञापन में आरोप लगाया कि स्व. विवेक धाकड़ की पत्नी पद्मिनी को विवेक की समाज सेवा व राजनीति में सक्रियता कतई पसंद नहीं थी. इस कारण वह हर समय उन्हें प्रताड़ित और परेशान करती रहती थी. 



इतना ही नहीं हम में से भी जब कभी कोई व्यक्ति विवेक से मिलने उनके भीलवाड़ा निवास पर जाते तब उनके सामने भी सरे आम पद्मिनी विवेक को अपमानित करती थी और उनकी छवि, प्रतिष्ठा को खराब करती रहती थी. विवेक इस सबके बावजूद यह सोच कर अपने समाज सेवा और राजनीति के काम में लगे रहते थे कि समय के साथ सब ठीक हो जायेगा. 


किन्तु ऐसा हुआ नहीं और समय के साथ-साथ पद्मिनी का व्यवहार विवेक के साथ और अधिक प्रताडऩा और परेशान करने वाला होने लगा. विवेक अत्यंत मानसिक पीड़ा पहुंचाने और तनाव में लाने के लिये आये दिन झगड़ा करना शुरू कर दिया. दरअसल समाज सेवा और राजनीति से विवेक को दूर रहने के लिये क्रूरता की हद तक जाकर प्रताड़ित करना तो एक माध्यम और बहाना था. 



ऐसा करने का पद्मिनी का एकमात्र मकसद विवेक और उनके पिता कन्हैया लाल धाकड़ की जायदाद पर कब्जा करना रहा, जो विवेक के जीवित रहते संभव नहीं था. आरोप लगाया गया है कि पद्मिनी ने विवेक को अपनी जिन्दगी से हटाने के लिए भीलवाड़ा से बाहर रहने वाली अपनी बहिनों व अन्य से घण्टो घण्टो मोबाईल पर बात कर उनके बताये अनुसार विवेक को आत्महत्या के लिये मजबूर करने का षड्यंत्र रचा. 


पद्मिनी का सोचना था कि विवेक की मौत के बाद उनकी सारी जायदाद और राजनीतिक विरासत उनकी हो जायेगी और ससुर कन्हैया लाल धाकड़ की उम्र अधिक हो जाने से वे अधिक नहीं जियेंगे और वह सब पाने में कामयाब हो जायेगी, जिसके लिये वे लम्बे समय से प्रयास कर रही थी. ज्ञापन में बताया गया है कि ये सभी बातें विवेक कई बार अपने क्षेत्र के दौरे के दौरान अंतरंग बातचीत में बताते रहते थे, लेकिन चुनाव सामने होने के कारण वे कोई राजनीतिक नुकसान न हो जाये.



इसलिए शांति के साथ सहन कर रहे थे. अंतत: पत्नी द्वारा दी जा रही निरंतर प्रताडऩा, अपमानजन व्यवहार के कारण विवेक आत्महत्या को मजबूर हो गये. आमजनता की ओर से दिये गये ज्ञापन में आरोप लगाया कि विवेक धाकड़ को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने की जिम्मेदार उनकी पत्नी है. 


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