सहाड़ा में भक्त नरसी के लिए भगवान लेकर पहुंचे नानी बाई का माहिरा, झूम कर नाचे भक्त
गंगापुर - भक्त नरसी की अरदास पर भगवान स्वयं नानी बाई के मायरा भरने के लिए पहुंचे. सजी-धजी बैल गाड़ियों में हीरे, जेवरात, मिठाइयां, कपड़ों के साथ ग्वाल बाल नानी बाई के ससुराल पहुंचे. इतने विशाल मायरे को देखने के लिए समूचा गांव उमड़ पड़ा.
bhilwara news: गंगापुर कस्बे में संगीतमय में नानी बाई का मायरा कथा के अंतिम दिन संत रमता रामजी महाराज के शिष्य दिग्विजय राम स्नेही महाराज के मुखारविंद से संगीतमय नानी बाई का मायरा कथा सुनने के लिए भक्तों की भारी भीड़सोमवार को बलदेव कॉटन फैक्ट्री के कथा पंडाल में पहुंची. भारी भीड़ के पहुंचने से पंडाल में पांव रखने तक की जगह नसीब नहीं हुई.
कथा आयोजक सुरेश मंत्री ने बताया कि गंगापुर कस्बे में संगीत में नानी बाई का मायरा कथा दिनांक 17 फरवरी से प्रारंभ हुई. कथा के अंतिम दिन भगवान सजी-धजी बैलगाड़ियों के साथ भक्त नरसी की पुत्री नानी बाई के मायरा भरने के लिए ग्वाल बाल के साथ पहुंचे. हीरे, मोती, जेवरात, मिठाइयां, कपड़ों से लदी हुई बेल गाड़ियों को देखकर नानी बाई के ससुराल सहित गांव वाले चकित रह गए. इतना अद्भुत मायरा सेठ साहूकार भी नहीं भर सके जितना अद्भुत और विशाल मायरा भक्त नरसी के लिए भगवान स्वयं लेकर पहुंचे.
नानी बाई के मायरा की सांवरिया ने लाज बोलो नारायण हरी के साथ भक्त पांडाल में झूम झूम कर नाचने लगे. मिठाइयां बांटी, मायरे की रस्म अदा की गई. समूचा गांव इस अद्भुत मायने को देखने के लिए उमड़ पड़ा. नानी बाई के ससुराल वालों सहित समूचे गांव के ग्रामीण ग्रामीणों के लिए भी भगवान मायरा लेकर आए थे. कथा समाप्ति के बाद भक्तों ने नम आंखों से नानी बाई का मायरा कथा कर रहे संत दिग्विजय राम जी को भावभीनी विदाई दी. इस दौरान मंत्री परिवार के सदस्य, रामस्नेही संप्रदाय के संत सहित कस्बे व क्षेत्र के भक्त गण उपस्थित थे.
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