Bhilwara News: दीपावली के अगले दिन शनिवार को कोटडी उपखंड क्षेत्र हाजीवास में गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया गया. गोबर से बने गोवर्धन समूह में महिलाओं ने मंगल गीत भी गाए और गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा अर्चना की. 


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ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने देवताओं के राजा इंद्र के घमंड को तोड़ने और गोकुल के लोगों को उनके क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत एक उंगली से उठाया था. गोवर्धन पूजा के लिए शहर समेत जिले के ग्रामीण इलाकों में घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया.


इसे फूलों और दीपों से सजाया, प्रसाद और फल चढ़ाकर पूजा अर्चना की. इसके बाद गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा की. मान्यता है कि इस दिन गोवर्धन पूजा करने और गायों को गुड़-चना खिलाने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं.


इस त्यौहार को अन्नकूट भी कहा जाता है. कोटडी क्षेत्र में कहीं जगहों पर गोबर के गोवर्धन पर्वत बना कर महिलाओं ने सामूहिक पूजा की. दीपावली के पांच दिवसीय पर्व में शामिल गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है.  इस दिन खासकर महिलाएं पूजा अर्चना करती है.