Bhilwara: राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने सोमवार को भीलवाड़ा जिले के राजस्व सम्बन्धी कार्यों की समीक्षा बैठक ली. चार घंटे से अधिक चली इस बैठक में आमजन के कार्य को तुरंत करने के निर्देश दिए. बंजर भूमि एवं चारागाह विकास बोर्ड अध्यक्ष संदीप सिंह चौधरी ने चारागाह विकास के बारे में चर्चा की. 


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बैठक के पश्चात सभागार में काफी संख्या में आए परिवादियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए राजस्व मंत्री जाट ने मौके पर ही जनसुनवाई की. राजस्व मंत्री और कलेक्टर ने मौजूद लोगों के परिवादों को सुना और संबंधित अधिकारियों को परिवादों के निस्तारण के लिए निर्देश दिए.


बैठक में राजस्व एवं काश्तकारी अधिनियमों के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक चर्चा की. राजस्व मंत्री जाट ने कहा कि, राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाए, जिससे आमजन को राहत मिले. क्षेत्र में कार्य के दौरान आ रही बाधाओं के समाधान के सम्बन्ध में सुझावों पर भी विचार विमर्श किया.


राजस्व मंत्री ने कहा कि, राजस्व विभाग आमजन एवं काश्तकार से सीधा जुड़ा हुआ है. राजस्व अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करना चाहिए. मानवीय पक्ष को केंद्र में रखकर निर्णय लेने चाहिए. काश्तकारी भूमि के रास्ते के प्रकरणों में आपसी समझाईश एवं समझौते के माध्यम से वाद निस्तारण का प्रयास किए जाए. इस प्रकृति के अधिक मुकदमों वाले गांवों में जनसुनवाई करनी चाहिए. 


पैतृक कृषि भूमि के सहखातेदारों के मध्य भूमि विभाजन एवं लम्बित राजस्व मुकदमों में समझाईश एवं समझौते को बढ़ावा देना चाहिए. गैर खातेदारी से खातेदारी के प्रकरणों में सम्बन्धित तहसीलदार द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाए. जिले में इस प्रकार के समस्त प्रकरणों की सीधी मॉनिटरिंग करके आगामी दिनों में निस्तारण सुनिश्चित किया जाए. नोन कमांड क्षेत्र के पात्र व्यक्तियों के प्रकरण प्राथमिकता के साथ निस्तारित हो. 


कमांड क्षेत्र वाले व्यक्तियों के प्रकरण निर्धारित प्रक्रिया से नोटिस जारी कर किए जाए. उन्होंने कहा कि समस्त राजस्व ग्रामों में राजकीय कार्यालयों एवं संस्थाओं के लिए भूमि आरक्षित करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाए. श्मशान, कब्रिस्तान एवं समाधि स्थल के प्रकरणों को तत्काल प्रभाव से निपटारा करें. नवीन राजस्व ग्रामों के लिए प्रशासन गांवों के संग अभियान में प्रस्ताव प्राप्त हुए है. प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण करवाकर राज्य सरकार को भेजा जाए. नवीन ग्रामों के सीमांकन के समय चारागाह का बंटवारा आनुपातिक रूप से करने की प्रक्रिया अपनाई जाए.


भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण
उन्होंने कहा कि भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण का कार्य पूरे जिले में लागू किया जाएगा. इसमें समस्त राजस्व अधिकारियों का सहयोग मिलना चाहिए. नए नक्शे एवं पर्चा नोटिस में ग्राम सभा के माध्यम से ग्रामीणों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित होनी चाहिए. जिला कलक्टर द्वारा डिजिटलीकरण के कार्य की समीक्षा राजस्व अधिकारियों की बैठक में की जाएगी. सरकारी भूमि में निजी खातेदारों द्वारा सिंचाई के लिए खोदे गए कुंओं का नियमन करने के लिए निर्धारित राशि जमा करवाकर कार्यवाही की जाए.


चारागाह भूमि हो अतिक्रमण मुक्त
बंजर भूमि एवं चारागाह विकास बोर्ड के अध्यक्ष संदीप सिंह चौधरी ने जिले में चारागाह विकास की योजनाओं की समीक्षा की. उन्होंने समस्त तहसीलदार को निर्देश दिये की सारी चारागाह भूमि का सीमाज्ञान करवाकर बंजर एवं चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए. इस प्रकार की भूमियों में अवैध खनन रोकने के लिए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्रवाई करने के लिए कहा.


सेटलमेंट कमिश्नर राजेन्द्र विजय ने भू-अभिलेखों के आधुनिकीकरण की रूपरेखा प्रस्तुत की. सेटलमेंट कमीशनर राजेन्द्र विजय ने भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण के बारे में अवगत कराया. डिजिटल इण्डिया भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत अब समस्त तहसीलों के भू-अभिलेखों का भी आधुनिकीकरण होगा. सेटेलाइट इमेज के आधार पर बनाए गए नए नक्शों का किश्तवार नक्शों के साथ अध्यारोपण कर नए नक्शे बनाए जा रहे है. नए नक्शों के सम्बन्ध में पर्चा नोटिस जारी कर खातेदारों से आपत्ति मांगी जाएगी. खातेदार के संतुष्ट होने पर ही भू नक्शा पोर्टल पर चढ़ाया जाएगा. नक्शे एवं क्षेत्र की वस्तुस्थिति में अंतर आने पर त्रुटि का निस्तारण किया जाएगा.


 कलेक्टर आशीष मोदी ने प्रशासन गांवों के संग अभियान की प्रगति से अवगत कराया. बैठक में राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरण, सम्पर्क पोर्टल पर लंबित प्रकरण, राजस्व अभिलेख खातों का शुद्धिकरण, गैर खातेदारी से खातेदारी प्रकरण, आपसी सहमति से खाता विभाजन, रास्ते के प्रकरण, नवीन राजस्व ग्रामों के प्रकरण, सीमाज्ञान एवं पत्थरगढी के प्रकरण, आबादी विस्तार हेतु भूमि आवंटन/आरक्षण, नामान्तरण संबंधी प्रकरण, बजट घोषणा 2022-23 के अन्तर्गत जिले में विभिन्न राजकीय विभागों को भवन निर्माण के भूमि आवंटन के प्रकरण, सर्वे, पैतृक कृषि भूमि के सह खातेदारों के मध्य भूमि विभाजन आदि लम्बित राजस्व मुकदमों का समझौता, राजस्व ग्रामवार 2015 से पूर्व के प्रकरण जिन लोगों की पी-14 के नाम दर्ज है उनके नियमन के संबंध में कार्ययोजना, जिले में भूमिहीनों को भूमि आवंटन के प्रकरण, खातेदारी भूमियों पर बिना संपरिवर्तन के कॉलोनियां बस गई है.


 इन कॉलोनियों के नियमन की स्थित/कार्य योजना, धारा 91 के प्रकरणों की समीक्षा, सरकारी भूमियों में निजी खातेदारी द्वारा सिंचाई हेतु खोदे गये कुओं का नियमन, प्रशासन गांवों के संग अभियान के फॉलोअप शिविरों में लम्बित रहे प्रकरणों के निस्तारण की स्थिति आदि मुद्दों पर समीक्षा की गई. बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन डॉ राजेश गोयल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद डॉ शिल्पा सिंह, विभिन्न जनप्रतिनिधि और जिले के समस्त उपखंड अधिकारी, तहसीलदार आदि मौजूद रहें.
Reporter: Mohammad Khan


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