Mandal: भीलवाड़ा जिले के मांडल थाना क्षेत्र में कस्बे के गोपालद्वारा के समीप सुचारू नरेगा मस्टरोल में काम करती एक अधेड़ महिला की अचानक तबियत बिगड़ जाने से मौत हो गई. ग्राम सूचना पर ग्राम विकास अधिकारी व कनिष्ठ लिपिक भाग चंद जाट मौके पर पहुंचे, जहां से महिला को मांडल चिकित्सालय पहुंचाया, जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. 
      
ग्राम विकास अधिकारी कजोड़मल गुर्जर ने बताया कि शुक्रवार सुबह सभी श्रमिकों के साथ गुलाबी पत्नी कन्हैया लाल लौहार उम्र 60 वर्ष कार्यस्थल पर आई जहां कुछ ही देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी. क्षेत्रभर में नरेगा श्रमिकों के लिए गर्मी के प्रकोप को देखते हुए सुबह का समय किया हुआ है, लेकिन श्रमिकों का आरोप है कि उन्हें नरेगा नियमों के तहत आवश्यक सुविधाएं मुहैया नहीं कराई हुई है जैसे जल, छाया इत्यादि.


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इस कारण श्रमिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शुक्रवार सुबह भी यही स्थिति बनी हुई थी, जिस कारण अधेड़ महिला की अचानक तबियत बिगड़ गई और उसे प्राथमिक उपचार समय पर ना मिलने के अभाव में मौत को गले लगाना पड़ा. इससे क्षेत्रभर के श्रमिको में आक्रोश व्याप्त है. मृत श्रमिक के परिजनों को सूचित कर महिला के शव को मोर्चरी में रखवाया जहां मेडिकल बोर्ड की मदद से उसका पोस्टमार्टम कराया गया. पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर मामले की जांच शुरू की है. 


आपको बता दें कि मनरेगा स्थलों पर उचित छाया पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण कई बार भीषण गर्मी के इस मौसम में मनरेगा कर्मियों की तबीयत खराब होने की घटनाएं सामने आती रही है, लेकिन स्थानीय जिम्मेदार विभाग द्वारा अपनी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं लाया जाता, जिसके कारण श्रमिकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. 
Report- Mohammad Khan


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