भीलवाड़ा में ओवरब्रिज नहीं बनने से विधायक ने खोला मोर्चा, सरकार पर लगाए आरोप
एक और सरकार अपने 4 साल की उपलब्धियां गिना रही है तो वही दूसरी और टेक्सटाइल सिटी भीलवाड़ा में एक और ओवरब्रिज बनाने के मामले में सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए शहर विधायक और परिषद के सभापति ने मोर्चा खोल दिया है.
भीलवाड़ा: एक और सरकार अपने 4 साल की उपलब्धियां गिना रही है तो वही दूसरी और टेक्सटाइल सिटी भीलवाड़ा में एक और ओवरब्रिज बनाने के मामले में सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए शहर विधायक और परिषद के सभापति ने मोर्चा खोल दिया है. दोनों ने कहा है कि शहर में हर दिन लगने वाले जाम से निजात मिलनी चाहिए.
विधायक विठ्ठल शंकर अवस्थी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि ओवरब्रिज का निर्माण न होने पर वर्ष 2011 से हर साल विधानसभा में मामले को उठाया है. पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने भी जवाब में कहा था कि वे जिन्दल से ओवरब्रिज बनवाकर रहेंगे. उसके बाद कम्पनी ने किसी के माध्यम से एनजीटी में वाद दायर कर दिया. इसमें एक पर्यावरणविद् की भी मिलीभगत हो सकती है. किसी मजदूर को एनजीटी में खड़ा कर दिया जिसे एनजीटी के बारे में जानकारी भी नहीं होगी.
सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में जनप्रतिनिधि
एनजीटी में हजारों पेड़ों के कटने का हवाला दिया गया था. अवस्थी ने कहा कि उन्होंने रेलवे से 21.70 लाख का प्रस्ताव बनाकर जिन्दल को भिजवाया था. दस साल के संघर्ष के बाद जब मीडिया ने फिर से यह मुद्दा उठाया तो जनता अब सक्रिय हुई है. यह ब्रिज बनना चाहिए. विधायक व सांसद कोष से भी राशि देने को तैयार है, लेकिन डीएमएफटी से इसका निर्माण होना चाहिए.
परिषद के सभापति राकेश पाठक ने कहा कि एनजीटी के आदेशों की पांच वकीलों से समीक्षा कराने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे. अप्रेल 2019 में नोरतमल शर्मा की याचिका पर एनजीटी ने जिंदल की ओर से बनाए जाने वाले आरओबी की जरूरत नहीं बताते हुए इसके वाद को निरस्त कर दिया था. तब तर्क दिया गया कि 3 अंडरब्रिज बना दिए इससे यातायात सुचारू रहेगा. पाठक ने कहा कि एनजीटी को यह देखना था कि इसके निर्माण में कितने पेड़ कटेंगे और पर्यावरण को क्या नुकसान होगा. लेकिन उसमें शहर विकास की अनदेखी कर दी गई. पाठक ने कहा कि सरकार से अपील करने की स्वीकृति मांगी है, स्वीकृति मिलते ही अपील की जाएगी.
2011 में 30 करोड़ में बन जाता पुल, लेकिन आज 70 करोड़ का खर्च
विधायक अवस्थी ने कहा कि अगर ओवरब्रिज वर्ष 2011 में बनता तो 30 करोड़ की लागत में बनकर तैयार हो जाता, आज इसको बनाने में ₹70 करोड़ खर्च होंगे अगर ओवरब्रिज बनाने का कोई रास्ता नहीं निकलता है तो अगले बजट सेशन में भी वही इस मामले को फिर से उठाएंगे. कांग्रेस के राज में नेताओं का आरोप है कि सांसद, विधायक और सभापति भाजपा के हैं फिर भी भीलवाड़ा में डेवलपमेंट के लिए कांग्रेस की सरकार पर निशाना क्यों इस पर विधायक अवस्थी ने कहा कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों का विकास कार्यों के मामले में सहयोग नहीं करते अगर परिषद में बोर्ड भाजपा का है तो अधिकारी कांग्रेस सरकार के ही लगाए गए है. अधिकारी शहर के विकास कार्यों में रोड़े अटकाते हैं.
Reporter- Dilshad Khan