पारोली: कोटड़ी तहसील क्षेत्र में इन दिनों सहकारी समिति चुनावो में जमकर नियमो को दरकिनार कर चुनाव करवाए जाने के मामले को लेकर नित नए मामले सामने आ रहे हैं. कहीं नामांकन पत्र फाड़े जा रहे हैं तो कहीं आपत्तियों पर सुनवाई नहीं हो पा रही है, तो कहीं निर्वाचन अधिकारी द्वारा ही अपनी मनमर्जी से नामांकन निरस्त हो चुके प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित कर नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ा कर अनियमितताओं का दौर खुलेआम जारी है.


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ऐसा ही एक मामला बिशनिया ग्राम सेवा का सेवा सहकारी समिति में हो रहे निर्वाचन के दौरान सामने आया है जिसके तहत 31 जनवरी 2023 को निर्वाचन अधिकारी आशीष बांगड़ द्वारा जिस उम्मीदवार का नाम निरस्त किया गया. उसी उम्मीदवार को जानबूझकर राजनीतिक दबाव के चलते संवैधानिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपनी मनमर्जी से चुनाव लड़ने हेतु चुनाव चिन्ह आवंटित कर डाला. जबकि नामांकन पत्र की जांच में वैध ठहराये गए उम्मीदवार को चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं चुनाव लड़ने से दरकिनार कर डाला.



मामले को लेकर वार्ड नंबर 6 के प्रत्याशी रामलाल बलाई ने जिला कलेक्टर तथा उप रजिस्ट्रार भीलवाड़ा से कार्रवाई की मांग की है तथा संवैधानिक प्रक्रियाओं के तहत चुनाव करवाए जाने की मांग करते हुए अनियमितता पूर्ण करवाए जा रहे चुनाव पर रोक लगाए जाने की मांग की है.


कलेक्टर तथा उच्चाधिकारियों को भेजी शिकायत में प्रत्याशी रामलाल पिता मोहन बलाई ने बताया की उसकी सदस्यता क्रमांक 368 है. ग्राम सेवा सहकारी समिति में 31 जनवरी 2023 को आवेदन पत्र लिए गए जिसमें उसने वार्ड नंबर 6 से नामांकन पत्र भरा. नामांकन पत्र में जांच-पड़ताल के बाद उसका नाम वार्ड वार वैध निर्देशन पत्र की सूची में वार्ड नंबर 6 से क्रम संख्या 9 पर जारी किया गया. बावजूद इसके निर्वाचन अधिकारी आशीष बांगड़ ने राजनीतिक दबाव और अपनी मनमर्जी से नियमों को दरकिनार करते हुए उसको वार्ड नंबर 6 से चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं कर रामलाल बेरवा पिता हजारी बेरवा जिसकी सदस्यता क्रमांक 133 है को छत के पंखा का चुनाव चिन्ह आवंटित कर डाला. तथा उसको निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची में से ही हटा दिया गया है.


चुनाव में धांधली का आरोप
रामलाल बलाई ने आरोप लगाया कि संपूर्ण निर्वाचन में धांधली व अनियमितताएं की गई है, इतना ही नहीं 31 जनवरी 2023 को समिति कार्यवाही रजिस्टर में भी निर्वाचन की कार्रवाई दर्ज नही की गई. इस बारे में जब निर्वाचन अधिकारी आशीष बांगड़ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हड़बड़ी में कभी-कभी बाई मिस्टेक ऐसा हो जाता है. मेरे माइंड में उस समय बैरवा रह गया होगा. मेरे से गलती हुई है. वैसे वेलेट पेपर के अंदर जाति कभी नहीं लिखी जाती है और जो भी ट्रंम्स और रूल्स हो हमारे ऑफिस मे बात कर लेना. रामलाल बलाई चुनाव लड़ सकता है.