Hanuman Jayanti : राजस्थान के भीलवाड़ा में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त, बल बुद्धि के अधिष्ठाता हनुमान जी का प्राकट्योत्सव मनाया जा रहा है.  ऐसे में मेवाड़ की पारंपरिक चित्रकला फड़  पर प्राकृतिक रंगों से उकेरी हनुमान चालीसा के बारे में आपकों बताना जरूरी है. जिसमे हनुमान जी की महिमा को तीन दोहे और 40 चौपाइयों में काल्पनिक चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है.


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हर चौपाई के पूर्ण होने पर प्रभु श्री राम का नाम भी उकेरा गया है. ये पेंटिंग तैयार की है राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त फड़ चित्रकार कल्याण जोशी ने. भीलवाड़ा में सांगानेरी गेट निवासी जोशी ने बताया कि हाथ से तैयार कपड़े (केनवास) पर हनुमान चालीस उकेरी जाती है.


 इसमें घर पर तैयार प्राकृतिक रंगों का ही उपयोग किया जाता है. हनुमान जी के शरीर का रंग सिंदूरी है. कला के कद्रदान की मांग पर वे रीयल गोल्ड और रेड कलर में भी हनुमान चालीसा उकेरते हैं. सबसे छोटी पेंटिंग दो फीट गुना तीन फीट को तैयार करने में कम सें कम 20 दिन लगते हैं.


 चित्रकार कल्याण कहते हैं-सबसे बड़ी बात ये है कि वे हनुमान चालीसा को फड़ पर उकेरने का काम सोमवार, मंगलवार या शनिवार को ही आरंभ करते हैं, और पूर्ण मंगलवार या शनिवार को ही होता है. इसकी वजह बताते हैं- सोमवार रुद्रावतार और मंगलवार-शनिवार बालाजी का दिन है.


कुछ नया करने की ललक में जोशी ने सबसे पहले 1994 में हनुमान चालीसा को फड़ पर उकेरा था. इसके बाद तो निरंतर उकेरते जा रहे हैं. कोरोना लॉकडाउन के बाद फड़ पर हनुमान चालीसा की डिमांड बढ़ी है.


देश के कई हिस्सों से ऑर्डर आ रहे हैं. लोग गिफ्ट में देने के साथ ही अपने घरों के ड्राइंग रूम में भी लगाते हैं. खासकर इंडियन एनआरआई में ज्यादा डिमांड है .  हनुमान चालीस उनके ड्राइंग रूम की शोभा बन रही है.