भीलवाड़ा में चारागाह जमीनों पर हो रहा अवैध खनन, पूरा खेल समझिए
भीलवाड़ा ( Bhilwara ) जिले के आसिंद में अवैध खनन चल रहा है. राजस्थान ( Rajasthan ) सरकार इसे रोकने के दावे तो कर रही है. लेकिन यहां जेतपुरा गांव में प्रशासन की मिलीभगत से अवैध खनन हो रहा है
Bhilwara : एक ओर जहां सरकार भीलवाड़ा जिले में अवैध माइनिंग को लेकर बड़ी सक्रियता से अभियान चलाकर धरपकड़ कर रही है. तो वहीं दूसरी ओर इसी के साथ माइंस माफियाओं के हौसले बुलंदियों की ओर बढ़ रहे हैं. खनिज माफिया अवैध माइनिंग को वैध रूप देने के लिए अलग-अलग तरह के हथकंडे अपना रहे है. ऐसा ही मामला भीलवाड़ा जिले के आसींद क्षेत्र के जेतपुरा गांव में देखने को मिला. जहां खान विभाग द्वारा जारी की गई एक एमएल की आड़ में आसपास की चरागाह भूमि में बड़े स्तर पर अवैध माइनिंग कर रहे हैं.
जेतपुरा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन से विशेष पकड़ रखने वाले बड़े प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा यह माइनिंग चरागाह भूमि पर की जा रही है. ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन को यह शिकायत और सूचना दी लेकिन इन प्रभावशाली लोगों की वजह से इस अवैध कारोबार पर कोई लगाम नहीं लगा सका. ग्रामीणों ने बताया कि यह लोग चरागाह भूमि में रात को करोडों रुपए का माल उठाकर पास ही चल रही एमएल माइंस पर ले जाते है. वहां से रॉयल्टी रवाना बना लेते हैं. उसके बाद अवैध को वैध बनाकर रॉयल्टी रवाना बताकर करोड़ों में बेच देते हैं. वहीं ग्रामीणों द्वारा कई बार अवैध माइनिंग कारोबार को लेकर आवाज उठाई गई और विरोध किया गया. जिस पर कई लोगों पर बलात्कार जैसे मुकदमे दर्ज कर दिए. इसके अलावा जान से मारने समेत कई तरह की धमकी देकर उनकी आवाज बंद कर दी जाती है.
रात होते ही शुरु होता है अवैध खनन
जैसे ही सूरज ढलता है. अंधेरा होते ही खनन माफिया बड़े माइनिंग साधनों के साथ अवैध माइनिंग स्थल पर पहुंचते है. और सुबह होने तक जमकर अवैध माइनिंग का गोरखधंधा चलाते हैं. कुछ दिनों पहले आसींद थाना क्षेत्र में अवैध माइनिंग से दबकर 7 मजदूरों की जान चली गई थी. जिसके बाद प्रशासन ने अवैध माइनिंग पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी. लेकिन जैसे ही दिन पुराने हुए अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद हो गए. और फिर से कस्बे में एम एल माइंस की आड में अवैध माइनिंग की जा रही है.
शिकायत करने वालों को मुकदमों में फंसाने की धमकी
अवैध माइनिंग को लेकर ग्रामीणों द्वारा कई बार उपखण्ड अधिकारी और जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया गया. लेकिन ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन मिला. कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर दी जाती है. ऐसी परिस्थितियों में ज्ञापन देने वाले लोगों के खिलाफ दबंगों द्वारा और प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा ग्रामीणों पर बलात्कार जैसे मुकदमों की धमकी दी जाती है. जिसके चलते ग्रामीण अवैध माइनिंग का विरोध करने से कतराते हैं. वही ज़ी मीडिया के सामने खुलकर ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा जाहिर की. और बताया कि स्थानीय राजनेता भी इस अवैध कारोबार लिप्त है. जिसके चलते दबंगों द्वारा धमकाया जाता है. और राजस्व विभाग को चूना लगाया जाता है.
रिपोर्टर- दिलशाद खान
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