Kotri: महिलाओं ने गोवर्धन महाराज की पूजा कर की लंपी संक्रमण को खत्म करने की प्रार्थना
दीपोत्सव के चौथे दिन प्रतिपदा बुधवार को गोवर्धन महाराज की पूजा घर-घर में हुई. गोबर से गिरिराज महाराज की आकृति बनाकर महिलाओं ने मंगल गीत गाए. मंदिरों में भी आयोजिन हुए.
Kotri: पांच दिवसीय दीपोत्सव के चौथे दिन प्रतिपदा बुधवार को गोवर्धन महाराज की पूजा घर-घर में हुई. गोबर से गिरिराज महाराज की आकृति बनाकर महिलाओं ने मंगल गीत गाए. मंदिरों में भी आयोजिन हुए. श्रद्धालुओं ने गोवर्धन की परिक्रमा कर मन्नते मांगी, गायों में लंपी संक्रमण के रोकथाम की कामना की.
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27 साल बाद दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजन की परंपरा फिर टूट गए. कोटड़ी कस्बे सहित आसपास के दर्जनों गांवों में आज गोवर्धन महाराज की पूजा अर्चना की गई. महिलाओं ने सज-धज कर गोबर से गोवर्धन जी की आकृति बनाकर विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना की और परिक्रमा लगा कर घर परिवार सुख समृद्धि और पशुओं के निरोगी की कामनाएं की, वहीं, गायों में फेल लंपी संक्रमण के रोकथाम के लिए गोवर्धन जी महाराज से की.
27 साल बाद टूटी परंपर
घरों के बाहर सुबह महिलाओं ने गोवर्धन महाराज का पूजन किया. गाय के गोबर से घर के बाहर आंगन में गोवर्धन महाराज की आकृति बनाई. कार्तिक माह में अमावस्या के दूसरे दिन प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का महत्व बताया जाता है, इस तरह गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को होना थी, क्योंकि दिपावाली 24 अक्टूबर को मनाई गई.
हालांकि हर तिथि दो दिन पड़ने की वजह से और 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने की वजह से कल यानी 25 तारीख को गोवर्धन पूजा नही हो पाई. इस कारण आज 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा की गई. इससे पहले भी 1995 को दिपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा नहीं हो पाई थी.
Reporter- Dilshad Khan
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