PM Modi Rajasthan : आज गुर्जरों के सबसे बड़े धाम मालासेरी डूंगरी पहुंचेंगे PM मोदी, इसलिए धार्मिक और सियासी तौर पर अहम
PM Modi Rajasthan : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान दौरे पर आ रहे हैं. वो गुर्जरों के सबसे बड़े धाम यानि मालासेरी डूंगरी जाएंगे. इसके कई धार्मिक और सियासी मायने हैं
PM Modi Rajasthan : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान दौरे पर आ रहे हैं. वो गुर्जरों के सबसे बड़े धाम यानि मालासेरी डूंगरी जाएंगे. मालासेरी डूंगरी में भगवान श्री देवनारायण पत्थर चीर कर कमल के पुष्प पर अवतरित हुए थे. उनके 1111वें जन्मोत्सव में शामिल होने के लिए PM भीलवाड़ा के आसींद पहुंच रहे हैं.
ये है आज का कार्यक्रम
पीएम नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को भीलवाड़ा दौरे पर
दिल्ली से उदयपुर, उदयपुर से मालासेरी पहुचेंगे पीएम
9.20 पर दिल्ली से रवाना होंगे पीएम, 10.30 बजे पहुचेंगे उदयपुर
10.35 पर उदयपुर से हेलीकॉप्टर के जरिए होंगे मालासेरी के लिए रवाना
11.25 पर आसींद के मालासेरी पहुंचने का है कार्यक्रम
11.30 से 12.45 तक महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होंगे पीएम
1111वे भगवान देवनारायण जयंती समारोह का होगा आयोजन
01.00 बजे मालासेरी से उदयपुर के लिए होंगे रवाना
01.55 पर उदयपुर से दिल्ली जाने का है कार्यक्रम
03.05 पर पीएम मोदी के दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम
ये है धार्मिक महत्व
भीलवाड़ा जिले के आसींद क्षेत्र की मालासेरी डूंगरी पर भगवान श्री देवनारायण कमल के पुष्प पर अवतरित हुए इसी डूंगरी पर माता साडू ने कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी, इतिहास के अनुसार यह विष्णु के अवतार थे उन्हें एक लोक देवता के रूप में पूजा जाता है. क्योंकि भगवान श्री देवनारायण मैं अपना सारा जीवन लोक कल्याण में बिता दिया देवनारायण जी के बचपन का नाम उदल व देव था देव नारायण का बगड़ावत नागवंशी गुर्जर परिवार में जन्म हुआ, दादा का नाम बाघ सिंह और पिता का नाम सवाईभोज, माता का नाम साडू ख था, पत्नी का नाम पीपलदे एवं घोड़े का नाम लीलाघर था. देवनारायण जी आयुर्वेद के ज्ञाता थे देवनारायण जी के पिता सवाई भोज भिनाय अजमेर के शासक दुर्जन साल से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए, तभी माता साडू ने मालासेरी डूंगरी पर अखंड तपस्या की जिसके चलते भगवान विष्णु प्रसन्न होकर देव नारायण के रूप में माघ सप्तमी संवत 968 को कमल के पुष्प पर अवतरित हुए, देवनारायण का बचपन ननिहाल देवास (मध्य प्रदेश) में ही बीता उनकी शिक्षा-दीक्षा भी देवास में हुई, देवमाली में भगवान श्री देवनारायण ने देह त्यागी थी, देवमाली को बगड़ावतों का गांव भी कहते हैं, मात्र 31 वर्ष की आयु में देवनारायण स्वर्ग सिधार गए. इससे गुर्जर समाज के अलावा मेघवंशी, गाडरी, भील समाज के लोगों की भी आस्था जुडी हुई है.
ये है सियासी महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुर्जरों के लोक देवता देवनारायण की जन्मस्थली भीलवाड़ा आ रहे हैं, माना जा रहा है कि पीएम मोदी गुर्जरों को लुभाने के लिए देवनारायण कॉरिडोर की घोषणा कर सकते हैं. इसे भव्य बनाने के लिए भाजपा तैयारियों में जुटी है. भाजपा समाज की नाराजगी को भुना कर चुनाव से पहले गुर्जर समाज को अपने पाले में करना चाहती है. हालांकि प्रदेश में अब तक भाजपा सरकार विरोधी लहर बनाने में नाकामियाब रही है. लेकिन पेपर लीक, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों के चलते लोगों में खासी नाराजगी है.
2018 के विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे और गुर्जर समाज का झुकाव कांग्रेस की तरफ गया. राजस्थान में एक भी भाजपा का गुर्जर प्रत्याशी विधानसभा तक नहीं पहुंच पाया, इस समय कांग्रेस के सचिन पायलट, डॉ जितेंद्र सिंह, अशोक चांदना, राजेंद्र बिधूड़ी, शकुंतला रावत, जीआर खटाना, इंद्राज गुर्जर कांग्रेस से जीते गुर्जर विधायक हैं. वही बसपा से जोगिंदर सिंह अवाना गुर्जर प्रत्याशी जीते, पिछले चुनाव में बड़े वोट बैंक का साथ नहीं मिलने से भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने से चूक गई. इसीलिए इस बार अन्य प्रदेशों सहित राजस्थान के गुर्जर समाज को साधने का प्रयास करेंगे, भाजपा से एकमात्र सांसद गुर्जर सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया है.