Bikaner News: आसमान से ज़मीन पर उतरे जाँबाज़, भारत और अमेरिका के सैनिकों ने साथ किया दुश्मन के ठिकानों पर प्रहार
Bikaner News: इन दिनों रेगिस्तान युद्ध का मैदान बना हुआ है. जहां भारत और अमेरिका की सैनाएं एक साथ आतंकवाद के ख़िलाफ़ जॉइंट ऑपरेशन चला रही हैं. ऐसे में भारत की सरज़मी पर अब अमेरिका के सैनिक भी कदम ताल मिलाकर वो दमख़म दिखा रहे हैं, जो पड़ोसी मुल्क कई बार देख चुका है.
Bikaner News: इन दिनों रेगिस्तान युद्ध का मैदान बना हुआ है. जहां भारत और अमेरिका की सैनाएं एक साथ आतंकवाद के ख़िलाफ़ जॉइंट ऑपरेशन चला रही हैं. ऐसे में भारत की सरज़मी पर अब अमेरिका के सैनिक भी कदम ताल मिलाकर वो दमख़म दिखा रहे हैं, जो पड़ोसी मुल्क कई बार देख चुका है.
आसमान में भारत के लड़के हेलीकॉप्टर मंडरा रहे है. नीचे ज़मीन पर रेगिस्तान की रेत जवानों के आने से पहले ही बवंडर में बदल गई है. ये बवंडर उन सैनिकों के नीचे उतरने से पहले की तस्वीर है. आप सोचिए जब ये जाँबाज़ आसमान से ज़मीन पर उतरेंगे तो दुश्मनों का क्या होगा.
एशिया के सबसे बड़े महाजन के फ़ील्ड फ़ायरिंग रेंज की जहां भारत और अमेरिका की सेनाए युद्ध के मैदान में युद्धाभ्यास कर रही है, साथ ही उन सभी मनाकों का भी परीक्षण कर रही है, जो एक युद्ध के मैदान में हर तरह के कौशल की दक्षता के पैमाने पर खड़ा उतरती हो.
इस बार भारत और अमेरिका की सेना के जवानों ने आतंकवादियों के ठिकानों पर हवा से उतरकर हमला बोला है. पहले इस ऑपरेशन को कैसे अंजाम देना है. इसकी रूपदेखा बनाई गई. उसके बाद चारों तरफ़ से दुश्मन के ठिकानों को घेरते हुए अलग अलग दलों ने दुश्मन पर ज़मीन से लेकर आसमान तक हमले की योजना बनाई. हमला ऐसा की आप देखते रह जाएँगे हमारे देश की ताक़त और अत्याधुनिक हथियारों से लेस जवानों की टुकड़ियों को देखकर. कुछ ही पल में दुश्मन के ठिकानों को भारत और अमेरिका के सेनिकों ने मिलकर पूरी तरह से नस्तेनाबुत कर दिया.
दरअसल भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास-2024 का 20वां संस्करण राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में विदेशी प्रशिक्षण नोड में चल रहा है. यह अभ्यास 09 से 22 सितंबर तक आयोजित हो रहा है. इस युद्ध अभ्यास का आयोजन 2004, से हर साल भारत और अमेरिका के बीच किया जाता है. यह संस्करण सैन्य शक्ति और उपकरणों के संदर्भ में संयुक्त अभ्यास के दायरे और जटिलता में उल्लेखनीय वृद्धि का प्रतीक है.
600 सैनिकों की भारतीय सैन्य टुकड़ी का प्रतिनिधित्व राजपूत रेजिमेंट की एक बटालियन के साथ-साथ अन्य हथियारों और सैन्य सेवाओं के कर्मियों द्वारा किया जा रहा है. समान संख्या के अमेरिकी टुकड़ी का प्रतिनिधित्व अमेरिकी सेना के अलास्का स्थित 11वें एयरबोर्न डिवीजन की 1-24 बटालियन के सैनिकों द्वारा किया जा रहा है. इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जनादेश के सातवें अध्याय के तहत सब - कन्वेंशनल माहौल में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है.
यह अभ्यास सेमि डेजर्ट वातावरण में सैन्य कार्यवाही पर केंद्रित है. अभ्यास के दौरान किए जाने वाले सामरिक अभ्यासों में, आतंकवादी कार्रवाई के लिए संयुक्त प्रतिक्रिया, संयुक्त योजना और संयुक्त क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास शामिल हैं, जो वास्तविक दुनिया के आतंकवाद विरोधी मिशनस का अनुकरण करते हैं.
यह युद्ध अभ्यास दोनों पक्षों को संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम बनाएगा. इससे दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता, भाई चारा और ताल मेल विकसित करने में मदद मिलेगी. संयुक्त अभ्यास से रक्षा सहयोग भी बढ़ेगा, दोनों मित्र राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे.
भारतीय सेना समय समय पर महाजन के फिल्ड फायरिंग रेंज में नियमित अंतराल पर विभिन स्तर के युद्धाभ्यास करती रहती है. लेकिन ये अपने आप में बेहद विशाल युद्धाभ्यास है जहां सुनश्चित किया जा रहा है कि लड़ाई में कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो सेना सदैव लड़ाई के लिए तैयार है.
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