राजस्थान के एक प्रधान का अनोखा ऊंट प्रेम, ऊंट की सवारी का उठाया लुत्फ, घटती संख्या पर व्यक्त की चिंता
Bikaner: राजस्थान की शान है ऊंट, शायद इसीलिए देशी-विदेशी सैलानी यहां ऊंट की सवारी करने आते हैं. ऐसे में बीकानरे से बज्जू प्रधान भागीरथ तेतरवाल का अनोखा ऊंट प्रेम सामने आया है. साथ ही नए साल पर उन्होंने ऊंटों की सवारी की और कम होती संख्या पर चिंता भी व्यक्त की है.
Bikaner: नए साल यानी 2023 का आगाज हो चुका है, सभी ने अपने अपने अंदाज में नए साल कि स्वागत किया, तो वहीं बीकानेर के बॉर्डेर से सटे बज्जू इलाके के प्रधान भागीरथ तेतरवाल का अनोखा अंदाज देखने को मिला. जहां कांग्रेस के नेता और प्रधान भागीरथ तेतरवाल सैकड़ों ऊंटों के बीच सवारी करते दिखाई दिए,
ग्रामीणों के बीच पहुंचकर नए साल की शुरुआत की. इन सब के बीच नेता जी ने राजस्थान में लगातार ऊंटों की संख्या में आ रही कमी कर चिंतन करते हुए लोगों को ऊंटों के बचाव ओर ऊंट पालकों की समस्याओं को जाना.
वहीं, बॉर्डेर से सटे इलाकों में ऊंट ही एकमात्र ऐसा साधन है जो किसी भी बियावान इलाकों में अच्छे से पहुंच सकता है, ऐसे में राजस्थान के राज्य पशु को बचाने का बीड़ा उठाते हुए प्रधान ने इस ऊंट बचाओ अभियान की शुरुआत की है. प्रधान भागीरथ तेतरवाल का कहना है कि देश में ऊंटों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है. आधुनिकीकरण बढ़ रहा है.
ऊंट राजस्थान का राज्य पशु है, लेकिन इसके साथ-साथ राजस्थान के लोगों के जीवन का हिस्सा है. लेकिन वक़्त के साथ बढ़े संसाधनों से ऊंटों की उपयोगिता में कमी आई है. ऐसे में ऊंट लगातार कम हो रहे हैं,
ऐसे में मैने इस बार नए साल पर ऊंटों की उपयोगिता पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने ओर उन्हें बचाने को लेकर अभियान चलाने की बात कही है. मैं बचपन ऊंटों की सवारी कर रहा हूं आज भी ऊंट पालकों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं को सुना है. राज्य सरकार तक पहुचाऊंगा.
Reporter - Rounak vyas
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