पचास साल के बाद क्या गरीबों के उजड़ेगे आशियाने! जानें
Lunakaranasar News: जिन घरों में रहते हुए आपकी पीढ़ी निकल जाए, सब कुछ उस आशियाने पर आपने लगा दिया हो फिर कोई आपसे कहे की ये भूमि सरकारी है...
Lunakaranasar: सरकारी सुविधाओं से युक्त 50 साल पहले बसे चक पर वन विभाग जमा रहा हक, 60 से अधिक परिवारों पर लटक रही आशियाना उजडने की तलवार, आख़िर ग्रामीण क्यों कर रहे गुहार किसका है दोष और किसको पड़ेगी इसकी मार।पेश है एक
जिन घरों में रहते हुए आपकी पीढ़ी निकल जाए, सब कुछ उस आशियाने पर आपने लगा दिया हो फिर कोई आपसे कहे की ये भूमि सरकारी है. आपको खाली करनी पड़ेगी तो आपके पांवों के नीचे से जमीन सरक जाएगी. कुछ ऐसा ही लूणकरणसर के चक निवासियों के साथ हुआ है.
लूणकरणसर कस्बे से पांच किलोमीटर दूर चक 300-700 के निवासियों को अब उजड़ने का भय सता रहा है. 50 साल पहले इस चक में मजदूरों के परिवारों को आबादी क्षेत्र होने का कहकर बसाया गया था. इस चक में वाटर वर्क्स और विद्यालय भी चक वासियों के लिए बनाया गया है. अब अचानक वन विभाग ने चक वासियों को चक खाली करने की धमकी दे डाली और कहा गया है कि जल्द ही पूरे चक को खाली कर दें अन्यथा बुल डोजर से पूरे चक को तोड़ दिया जाएगा.
ग्रामीणों ने वन विभाग द्वारा दी गई मौखिक धमकी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. ग्रामीणों ने बताया कि इस चक में साठ परिवार पिछले 50 वर्षों से बसे हुए हैं और सभी के घर बिजली के कनेक्शन है और इंद्रा आवास योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना से दर्जनों मकान मिले हैं.
आपको बता दें कि सन 1984 में चक में स्कूल और वाटर वर्क्स बनाए गए थे. वर्तमान में इस चक में पानी की पाइपलाइन डाली जा रही थी तब किसी ने शिकायत की तो वन विभाग को जानकारी हुई के यह चक वन विभाग की जमीन पर बसा हुआ है.
अगर यह भूमि वन विभाग की है भी तो वन विभाग भी दोषी है
लूणकरणसर में वन विभाग का रेंज कार्यालय है और यहां रेंजर बैठता है. उसके बावजूद भी आज 50 सालों से वन विभाग को पता भी नहीं था की भूमि वन विभाग की है तो बड़ा सवाल उठता है की क्या वन विभाग केसे वन्य जीवों और पर्यावरण की रक्षा करता होगा. हालांकि जब हमने अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं. मीडिया से बात करने से दूरी बना रहे हैं.
चक वासियों ने दी चेतावनी
चक वासियों को जब वन विभाग के कर्मचारियों से सूचना मिली कि यह भूमि वन विभाग की है और इसे खाली करना पड़ेगा तो चक वासियों ने रोष जताते हुए चेतावनी दी की अगर उनको यहां से हटाया गया तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा. वहीं चक वासियों ने वन विभाग के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
साथ ही इस पूरे मामले में गलती चाहे किसी की भी हो, लेकिन अगर कार्यवाही होती है तो उसका खामियाजा गरीब परिवारों को उठाना पड़ेगा. अब जरूरत की सरकार कोई बीच का रास्ता निकाल इन का आशियाना सुरक्षित रहने की कार्यवाही करें.
Reporter: Tribhuvan Ranga
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