कोलायत में रचनात्मक पहल, पार्क में लगवाए जा रहे मिनी जिम
पंचायतराज द्वारा राज्य वित्त आयोग षष्ठम योजना के तहत 4.99 लाख की लागत से ग्राम पंचायत द्वारा आमजन के शारीरिक विकास और व्यायाम को मद्देनजर रखते हुवे मिनी जिम तैयार करवाया गया है, जिसमे बच्चों से लेकर हर आयु वर्ग के लिए सुविधा प्रदान की गई है.
Kolayat: ग्रामीण क्षेत्रों के पंचायतराज द्वारा राज्य वित्त आयोग षष्ठम योजना के तहत किए जा रहे प्रयासों से युवा, बुजुर्ग, युवतियां और बच्चे अब एक स्थान पर आकर शारीरिक व्यव्यम का लाभ उठा रहे हैं. वहीं वर्तमान में मोबाइल से दूरी कर आमजन वहीं पुरानी खेल कूद करने की यादों को ताजा कर रहे हैं. आखिर क्या किया जा रहा है इस योजना में पेश है.
वर्तमान युग में एक ऐसी संस्कृति विकसित हो रही है जो बच्चो से लेकर बुजुर्ग तक को शारीरिक से खेल कूद या यू कहे की व्यायाम से दूर ले जा रही है और वह है मोबाईल संस्कृति गांव हो या शहर सभी इसके आदी हो रहे है. इससे बच्चों के शारीरिक विकास में कमी देखी जा रही है. सभी वर्गो को दुबारा खेल कूद और व्यायाम से जोड़ने के लिए पंचायतराज द्वारा राज्य वित्त आयोग षष्ठम योजना के तहत नवाचार किया गया है. शहरों के बाद गांवो में बने सार्वजनिक स्थानों और पार्क में मिनी जिम लगवाए जा रहे हैं.
गजनेर ग्राम में लंबे समय से बने सार्वजनिक पार्क वीरान पड़े थे. इस पार्क में अगर कोई आता था, तो वो थे आवारा पशु, लेकिन आज सुबह ओर शाम इस पार्क में रौनक रहती है. मानो बसंत के बाद फिर बाहर आ गई हो. बच्चे, युवा, बुजुर्ग और युवतियों का अब जमावड़ा लगा रहता है. सभी अपना-अपना शारीरिक व्यायाम कर एक नई ऊर्जा ग्रहण कर रहे हैं.
पंचायतराज द्वारा राज्य वित्त आयोग षष्ठम योजना के तहत 4.99 लाख की लागत से ग्राम पंचायत द्वारा आमजन के शारीरिक विकास और व्यायाम को मद्देनजर रखते हुवे मिनी जिम तैयार करवाया गया है, जिसमे बच्चों से लेकर हर आयु वर्ग के लिए सुविधा प्रदान की गई है. इस तरह के नवाचार से ग्रामीणों मे उत्साह का माहौल बना हुआ है.
ग्रामीण आंनद झंवर और बालिका अंकिता मोदी कहते है कि ग्राम पंचायत द्वारा चालू किए गए मिनी जिम से सभी वर्गो में उत्साह है. अब सुबह शाम सभी लोग इस का लुफ्त उठा रहे हैं, जिससे शारीरिक व्यायाम भी हो रहा है.
सरकार द्वारा चालू की गई इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र के युवा बच्चे अब दुबारा खेलों की ओर मोड़ रही है. वहीं, इस प्रयोग से कहीं न कहीं मोबाइल संस्कृति से भी छुटकारा मिलने का एक भरोसा दिखाई दे रहा है. साथ हीं, सुबह-शाम व्यायाम करने से शारीरिक और मानसिक विकास भी होगा.
Reporter- Tribhuvan Ranga
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