Mysterious of Shangri-La Valley: भारत में बहुत सी ऐसी जगह है जो आजतक रहस्मयी बनी हुई है. इन जगहों की रहस्मयी कहानियों को सुलझाने के लिए वैज्ञानिकों ने काफी गहन शोधन किया है.  वैज्ञानिकों  के गहन शोधन के बाद  साइंस  की दुनिया  में  एक ऐसी रहस्मयी जगह के बारे पता लगाया है जिसके राज से पर्दा उठते ही आम लोगों की रूह तक कांप गई. 


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 दरअसल, वैज्ञानिकों ने एक ऐसी घाटी की  पता लगाया है  जिसे आज तक कोई नहीं ढूंढ पाया है. यह घाटी भारत और चीन की सीमा पर बताई जाती है. इसके बारे में कहा जाता है कि इस  घाटी का संबंध ब्रह्मांड की किसी और दुनिया से है.  तो चलिए जानते है इस घाटी के दूसरी दुनिया के रिशतों के बारे में.


नहीं लगा पाया कोई भी पता
 वैज्ञानिकों की एक रिपोर्ट के अनुसार यह घाटी  भारत के उत्तर पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत की सीमा पर कहीं पर हैं. इस घाटी को लोग  'शांगरी-ला घाटी' (shangri la valley) के नाम से भी जानते है.  इस घाटी को आज तक किसी ने भी नहीं देखा है . लेकिन जो भी इसे देखता है वह किसी को इस बारे में बताने के लिए वापस नही आ पाता. 


 रहस्यमयी होने के कारण इस घाटी की गिनती वायुमंडल के चौथे आयाम यानी समय से प्रभावित जगहों में होती है. इसलिए  कहा जाता है कि शांगरी-ला घाटी'  (shangri la valley)  का सीधा संबंध दूसरी दुनिया से है. इसके साथ ही इसके बारे में यह भी कहा जाता हैं कि यहां समय थम सा जाता है. इस कारण यहां के लोग जब तक चाहें जिंदा रह सकते हैं. दुनियाभर के कई लोगों इस घाटी का पता लगाने की नाकाम कोशिश की है, लेकिन आजतक कोई भी सफल नहीं हो पाया.


बरमूडा ट्रायंगल  (bermuda triangle) की तरह ही रहस्यमयी 
इस घाटी को भी संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी तट पर मियामी (फ्लोरिडा) से सिर्फ 1770 किलोमीटर और हैलिफैक्स, नोवा स्कोटिया, (कनाडा) के दक्षिण में 1350 किलोमीटर (840 मील) की दूरी पर स्थित बरमूडा ट्रायंगल   (bermuda triangle) की तरह ही  रहस्यमयी बताया गया है.  जिस तरह  इंसान कई दशकों तक बरमूडा ट्राएंगल (bermuda triangle) का रहस्य किसी को समझ नही आया था, उसी तरह ही इसे भी दुनिया की सबसे रहस्यपूर्ण जगह माना जाता है. बरमूडा ट्राएंगल  (bermuda triangle) , नार्थ अटलांटिक महासागर में वो जगह है, जहां से गुजरने वाले हवाई जहाज और पानी के जहाज गायब हो जाया करते थे. साहित्यकार अरुण शर्मा की किताब 'तिब्बत की वह रहस्यमय घाटी' में भी इसका जिक्र किया गया है. लेखक बताते हैं कि एक लामा ने उन्हें बताया कि शांगरी-ला घाटी में काल का प्रभाव बहुत कम है. 


रहस्यमयी रोशनी का है घर 
तिब्बती भाषा में लिखी किताब 'काल विज्ञान' में भी इसका जिक्र मिलता है. युत्सुंग जोकि एक तिब्बती विद्वान हैं, उनका कहना है कि वो खुद इस रहस्यमय घाटी में जा चुके हैं. उनके अनुसार, इस घाटी में न तो सूर्य का प्रकाश था और न ही चंद्रमा का, लेकिन तब फिर भी चारों ओर एक रहस्यमय प्रकाश फैला रहता है. 


घाटी का पता लगाने वाले ही खो गए 
शांगरी-ला घाटी (shangri la valley) के बारे में बताया जाता है कि इसे जो भी खोजने की कोशिश करता वह लौटकर वापस ही नहीं आ पता है. इसे धरती का आध्यात्मिक नियंत्रण केंद्र भी कह जाता है. क्योंकि यह बौद्धों का तपोवन था. इसलिए इसे सिद्धाश्रम भी कहा जाता है, जिसके बारे में  हिंदू धर्म ग्रंथों महाभारत से लेकर वाल्मिकी रामायण और वेदों में भी किया गया है. 


अरूणाचल प्रदेश और तिब्बत की सीमा में होने के कारण चीनी फौज इस प अपना अधिकार मानती है जिसके कारण वह इसे खोजने के लिए पूरी कोशिश कर रही है लेकिन आज तक वह इसके बारे में सफल नहीं हो पाई. बहुत सी रिपोर्ट्स बताती हैं कि दुनिया में जिसने भी शांगरी-ला घाटी के राज से पर्दा उठाने की कोशिश की है उसका पता दोबारा नहीं लगा.