Animal Milk: हजारों साल पुरानी चलती आ रही ये  प्रथा आज भी कायम है. लोग पहले से अपने घरों में जानवरों को पालते आए है और साथ ही उनके दूध का भी सेवन करते आए हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि इंसानों ने जानवरों का दूध पीना क्यों शुरु किया ? इसका जवाब जानने के लिए अंत तक पढ़े. 


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दुनिया में हल साल करीब 70 करोड़ टन दूध पैदा होता है जिसमें से 90 फीसद उत्पादन पालतू जानवरों से होता है. कुल दूध उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा इंसानों के इस्तेमाल में आता है. लोगों ने सबसे पहले गांय के दूध का सेवन करना शुरु किया था फिर धीरें-धीरें भैंस, भेड़, बकरी और तो और कुत्तों के दूध का सेवन भी शुरु कर दिया . भूतकाल में जब बच्चा जन्म लेता था तो मां के दूध का सेवन करता था क्योंकि दूध बच्चें की वृद्धि के लिए आवश्यक था. फिर जब वो बड़ा होने लगता तो अपनी वृद्धि के लिए जानवरों के दूध का प्रयोग करने लगा. धीरें-धीरें इंसान दूध के प्रयोग से बहुत सी चीजें अपने उपयोग के लिए बनाने लगे जैसे कि चीज़, बटर, घी आदि. जो लोग शाकाहारी है उनके लिए भी बादाम शेक आदि जैसी और भी अन्य चीजें बनाई गई है. 


पेरिस के म्यूज़ियम ऑफ़ ह्यूमनकाइंड की प्रोफ़ेसर लॉर सेगुरेल ने इस विषय पर काफी जानकारी निकाली है उन्होंने बताया कि दूध पीने की पहली आदत पश्चिमी देशों के लोगों को लगी. उन्होंने ही पहले जानवरों को पालना शुरू किया था. अब भारत, यूरोप, और अमेरिका समेत एशिया भर में दूध पीने का चलन है. पहले के लोगों का मानना था कि जो लोग जानवरों को पालते है. उन्हें जानवरों के साथ रहते-रहते जानवरों वाली बीमारी हो जाती जिसके निवारण के लिए दूध पीया जाता था. 


लोगों का मानना ये भी है कि सैकड़ों साल पहले जब विज्ञान इतना विक्सित नहीं था और लोग अपने पालन-पोषण के लिए जानवरों को पाला करते थे तब उन्होंने जानवरों के दूध का विकास किया और जैसे बच्चों के विकास के लिए मां के दूध का प्रयोग होता था वैसे ही बड़े लोग अपने विकास के लिए जानवरों के दूध को प्रयोग करने लगे और तब से लेकर आज तक इंसान दूध पर निरधारित है.