Camel Milk Benefits : पीएम नरेंद्र मोदी ऊंटनी का दूध पसंद करते हैं और गुजरात के मुख्ंयमंत्री रहने के दौरान उन्होनें इसको बढ़ावा देने के लिए कई कोशिशें की थी. अब पीएम मोदी ऊंटनी के दूध के सहारे भारत में कुपोषण की समस्या को दूर करने की प्लानिंग कर रहे है.


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एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा था जब वो ऊंटनी के दूध को बढ़ावा देने की बात करते थे तो उनकी बात का माखौल उड़ाया जाता था. लेकिन अब अमूल ने इस क्षेत्र में कदम बढ़ाया है तो उनका सपना साकार हो गया है. उन्होने कहा कि ऊंटनी का दूध गाय के दूध से ज्यादा पौष्टिक होता है. ऊंटनी के दूध की प्रोसेसिंग होने से राजस्थान के ऊंट पालकों को फायदा होगा.


मां के दूध के समान है ऊंटनी का दूध
बीकानेर के राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान में हुई रिसर्च के मुताबिक ऊंटनी का दूध एक मां के दूध जितना पौष्टिक होता है. इसमें वे सभी तत्व पाए जाते हैं जो एक मां के दूध में हैं और जो एक बच्चे के लिए जरूरी हैं. ऊंटनी के दूध से एलर्जी भी नहीं होती है. इसके दूध में केसीन और आयरन भी प्रचूर होता है. विटामिन सी की मात्रा अन्य दूध के मुकाबले चार गुना अधिक होती है और इसमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है.


सेहत का खजाना
ऊंटनी के दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेड, फाइबर, लैक्टिक अम्ल, विटामिन-ए, ई, बी-2 के साथ साथ विटामिन सी प्रचूर होता है.


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ऑर्टिम यानि की दिमागी रुप से कमजोर बच्चे


रिसर्च में साबित हो चुका है कि दिमागी रुप से कमजोर बच्चे यानि की ऑर्टिम से पीड़ित बच्चों के लिए ये दूध फायदेमंद है. लगातार तीन महीने तक इस दूध को पीने से ऐसे बच्चों में सुधार देखा गया है. जर्मनी की एक संस्था ये प्रयोग कर चुकी है और इसके परिणाम संतुष्ट करने वाले रहे हैं.


डायबिटीज में रामबाण
ऊंटनी के एक लीटर दूध में लगभग 50 यूनिट तक इंसुलिन पाई जाती है. इंसुलिन शरीर में प्रतिरोधक क्षमता और डायबिटीज जैसी बीमारियां ठीक करता है. उन्होंने बताया कि टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज में ऊंटनी के दूध का लगातार पीने पर मधुमेह को कंट्रोल किया जा सकता है. 


हड्डियों होती है मजबूत
ऊंटनी के दूध में अल्फा हाइड्रोक्सिल अम्ल होता है, जो स्कीन को निखारता है. इसके अलावा इसमें कैल्शियम भी काफी  होता है और लेक्टोफेरिन नामक तत्व कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी लड़ने की क्षमता रखता है.


ऊंटनी के दूध की आइसक्रीम और मिठाइयां
बीकानेर के उष्ट्र अनुसंधान केंद्र इससे सुंगधित दूध, चाय, कॉफी एवं कुल्‍फी तैयार करके उनकी बिक्री की जा रही हैं.जिसकी मांग बढ़ रही है.  इसके दूध से पनीर, मक्खन और घी भी निकाला जा रहा है. 


FSSAI ने दी मान्यता
ऊंटनी के दूध को खाद्य पदार्थ पहले नहीं माना जाता था, इसलिए ऊंट पालक इसका दूध नहीं बेच पाते थे लेकिन एनआरसीसी के अथक प्रयासों से भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने फरवरी, 2017 में इसे खाद्य पदार्थ की मान्यता दी और FSSAI से हरी झंडी मिलने के बाद अब इसके दूध की बिक्री बाजार हो रही है. 


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