बीकानेर में अक्षय तृतीया से पहले चाइनीज माझे के खिलाफ सड़कों पर निकाली जागरूकता रैली
Bikaner news: बीकानेर स्थापना दिवस और अक्षय तृतीया पर शहर में दो दिन होने वाले पतंग उत्सव को देखते हुए चाइनीज मांझे का बहिष्कार करते हुए शहर के मुख्य मार्ग से जागरूकता रैली का आयोजन किया गया.
Bikaner news: बीकानेर स्थापना दिवस और अक्षय तृतीया पर शहर में दो दिन होने वाले पतंग उत्सव को देखते हुए चाइनीज मांझे का बहिष्कार करते हुए शहर के मुख्य मार्ग से जागरूकता रैली का आयोजन किया गया.
रैली के माध्यम से शहर के युवाओं ने पतंग महोत्सव के दौरान चाइनीस मांझे का उपयोग नहीं करने की अपील की, इस दौरान युवाओं ने कहा कि हर साल शहर में बीकानेर स्थापना दिवस व अक्षय तृतीया पर होने वाली पतंगबाजी में सैकड़ों पक्षी घायल हो जाते हैं और कई इंसान भी इससे चोटिल हो जाते हैं. इसको लेकर उन्होंने इस अभियान का आगाज किया है.
उन्होंने बताया कि वे झूलते हुए तारों पर लटकते मांझे को एकत्रित कर उसे नष्ट करने का भी काम करेंगे. उन्होंने प्रशासन से भी अपील की है कि चाइनीज मांझे की बिक्री को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं वही आज लोगों ने शहर के मुख्य मार्ग से एक जागरूकता रैली का आयोजन किया और लोगों को चाइनीज मांझे का उपयोग नहीं करने की अपील की.
बीकानेर की स्थापना कब और किसने की थी?
बीकानेर की स्थापना सन् 1488 ई. में, राठौड़ राजकुमार राव बीकाजी ने की थी. कहा जाता है कि जोधपुर महाराजा राव जोधा जी के पाँच पुत्रों मे से एक बीकाजी, अपने पिता से किसी बात पर नाराज़ हो गए और उन्होंने जोधपुर छोड़ दिया.