राजस्थान में साल बदला किसानों की किस्मत नहीं, बीकानेर में नए साल पर किसान रात 3 बजे से लग गए यूरिया के लिए लाइनों में
Bikaner news: राजस्थान के बीकानेर में किसानों के लिए ये कैसा नया साल है, जहां एक तरफ लोग जश्न मना रहे हैं, नए साल की खुशियां मना रहे हैं, वहीं राजस्थान के बीकानेर में किसान रात तीन बजे से ही यूरिया के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लग गए हैं.
Bikaner news: राजस्थान में यदि कुछ नहीं बदला तो वो है किसानों की किश्मत. क्योंकि बीकानेर में शनिवार रात को 2023 नववर्ष के लिए हजारों लोग तरह-तरह के स्थानों पर जमे हुए थे, मौज-मस्ती करते नजर आ रहे थे. मगर बीकानेर जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के सीमावर्ती क्षेत्र बज्जू उपखंड मुख्यालय पर सैंकड़ो किसान यूरिया के लिए रविवार अलसुबह 3 बजे यूरिया की दुकानों के आगे यूरिया लेने के लिए लाइनों में लग गए.
मजेदार बात यह है कि न केवल किसान बल्कि किसान वर्ग की सैंकड़ों महिलाएं भी लंबी लाइन में तेज ठंड में यूरिया के लिए लाइन में अपने नंबर का इंतजार करती नजर आईं.
हर बार यही होता है हाल
किसान बंशीलाल खीचड़, हरचंदराम मेघवाल ने बताया कि एक तो सर्दी हो या गर्मी का मौसम किसान वर्ग को खेतों में हाड़ तोड़ मेहनत करनी पड़ती है, तो जब फसलों को यूरिया देने का समय आता है. तब हर बार लंबी-लंबी लाइन में लगकर यूरिया लेनी पड़ती है. उसमें भी एक बार लाइन में लगने पर 2 से 4 कट्टे यूरिया मिलती है और कई बार तो लाइन में लगने के बावजूद भी सैंकड़ों किसान वंचित रह जाते हैं.
महिलाओं को लगना पड़ता लाइन
कस्बे के सदर बाजार में जब यूरिया आने की सूचना मिली तो किसान वर्ग सुबह 3 बजे लाइन में लग गया,लाइन में बढ़ती भीड़ को देखकत सुबह 5 बजे से महिलाओं की लाइन लगनी शुरू हो गई और देखते ही देखते महिला कृषकों की लाइन में भी 200 से ज्यादा महिलाओं की भीड़ जमा हो गई.
300 मीटर में 700 से ज्यादा किसान
यूरिया की सूचना पर कस्बे के सदर बाजार से लेकर पुलिस थाना तक 300 मीटर दायरे में 700 किसानों की लाइन लग चुकी है. अधिकतर लाइन में पीछे की तरफ लगें किसानों को नंबर नही आने का डर है तो सैंकड़ो किसान बढ़ती भीड़ व लंबी लाइन को देखकर लाइन में लगने की हिमाकत नही कर रहे है.
मुरझाती फसल के लिए यही उपाय
किसानों ने बताया कि इस समय खेतो में उगती फसलों के लिए अब यूरिया के बिना फसलों को बचाना मुश्किल है. किसानों ने बताया कि एक तरफ तो इस समय खेतों में काम करना पड़ता है तो दूसरी तरफ भागकर यूरिया की दुकानों पर यूरिया का इंतजार करना पड़ता है.
दुकानों के आगे करते है इंतजार
किसानों ने बताया कि यूरिया के लिए दिनभर यूरिया की दुकानों के आगे भटकते रहते है और रात को भी दुकानों के आगे बेठकर यूरिया की गाड़ी का इंतजार करते है,ताकि यूरिया आते ही लाइन में लग जाए.
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Reporter- Tribhuvan Ranga