Bundi: पिछले दस माह से अधिक समय से सऊदी अरब में गंभीर बीमार होने के बावजूद बंधक बनाकर रखे गए राजस्थान के टोंक जिले के रहने वाले सोहनलाल बैरवा की धर्मपत्नी कालीबाई और पुत्र लोकेश ने बुधवार को बूंदी के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा के साथ सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता आयोजित की गई. वार्ता में सोहनलाल बैरवा के पुत्र लोकेश बैरवा ने कहा कि उनके पिता चार वर्ष से भारत नहीं लौट पाए हैं. राजस्थान के सोहनलाल बैरवा भी 31 भारतीय नागरिकों में शामिल है, जिन्हें पिछले काफी समय से बंधक बनाकर सऊदी अरब के यंबू शहर में रखा गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लोकेश ने कहा कि उसकी भारत सरकार और सभी से यही विनती है कि उसके पिता सोहनलाल बैरवा का जीवन बचाया जाए क्योंकि उन्हें फेफड़ों में श्वास लेने में भी समस्या आ रही है और उनका जीवन संकट में हैं. लोकेश ने बताया कि उसके पिता को गंभीर स्थिति में इस मई माह में चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था, लेकिन सरकारी चिकित्सालय के प्रशासन ने गंभीर स्थिति होने के बावजूद उन्हें जबरन आधा अधूरा इलाज कर चिकित्सालय से बाहर निकाल दिया. 


सोहनलाल बैरवा की धर्मपत्नी काली बाई ने कहा कि पति रोजगार के लिए  विदेश गए थे लेकिन, उनके वहां फंसने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. एक ओर उनको सऊदी अरब से भारत नहीं भेजा जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर परिवार पालने के लिए बेटे को पढ़ाई छोड़कर मजदूरी करनी पड़ रही है. 
 
लोकेश और काली बाई ने कहा कि इस वर्ष जब उन्हें सऊदी अरब से सोहनलाल बैरवा ने स्वयं को बंधक के रूप में रखने की जानकारी दी और कुछ दिनों बाद ही गंभीर स्थिति में उन्हें चिकित्सालय में भर्ती कराया गया तो हमें मदद का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था, तब हमसे हमारे परिचित गांववालों ने कहा कि चर्मेश शर्मा के पास बूंदी चले जाओ वो पूरी सहायता करेंगे. लोकेश बैरवा ने कहा कि वह शर्मा के साथ राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री कार्यालय में ज्ञापन देकर आए हैं और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से भी वार्ता हुई है. 


कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि सोहनलाल बैरवा सहित 31 भारतीय नागरिकों को शीघ्र सकुशल सऊदी अरब से भारत लाने की मांग को लेकर नवरात्रि से  विदेश मंत्री के नाम हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. शर्मा ने कहा कि जब तक सभी भारतीय सकुशल वापस नहीं आ जाते सभी आंदोलन आत्मक और संवैधानिक कदम उठाये जाएंगे. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों के जीवन के प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए. 


Reporter- Sandeep Vyas 


यह भी पढ़ें: