Keshoraipatan, Bundi News: 6 सालों से मन में देह दान करने का संकल्प मन मे संजोए एक बुजुर्ग दंपति की हसरत मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिऱला के सामने साकार हो गई. बूंदी के लाखेरी कस्बे के बुजुर्ग दंपति भीमराज श्रृंगी और उनकी पत्नी शांति देवी ने छ साल पहले बीमारी के दौरान देह दान करने का विचार बनाया था ताकि मृत्यु के बाद उनकी देह डाक्टरों ओर मेडिकल की पढ़ाई करने वालों के काम आ सके.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दंपति ने लोकसभा अध्यक्ष के सामने दंपति ने देह दान करने का संकल्प पत्र भर कर 6 साल के विचार को साकार कर दिया. उन्होंने अपनी देह को मेडिकल कालेज कोटा को समर्पित की है. ओम बिरला ने इस पहल को समाज के लिए अनुकरणीय बताया. मृत्यु के बाद शरीर के मिट्टी में मिलने की नियति सबको पता रहती है. इसके बावजूद देह दान करने के लिए अक्सर लोग आगे नहीं आ पाते हैं. 


यह भी पढ़ें- राजस्थान पुलिस का अपराधियों पर वज्र प्रहार, 32 जिलों से 8950 बदमाश गिरफ्तार


 


इस पहल में बूंदी के लाखेरी कस्बे के 85 वर्षीय भीमराज श्रृंगी और 80 वर्षीय उनकी पत्नी शांति देवी ने देह दान करके एक मिसाल पेश की है. भीमराज श्रृंगी के मन में यह विचार 2017 मे तब आया जब वे कोटा हार्ट की परेशानी का उपचार कराने पहुंचे थे. तब ऑपरेशन से पूर्व की औपचारिकता ने ही इन्हें देह दान के लिए प्रेरित कर दिया था. 


डॉक्टर से क्या बोले भीमराज श्रृंगी 
भीमराज श्रृंगी ने बताया कि तब डॉक्टर ऑपरेशन करने के लिए मेरी उम्र देखकर हिचक रहे थे. इसी दौरान मैंने देह दान का संकल्प ले लिया था. इसके बाद उन्होंने देह दान के लिए पत्नी को राजी किया. बीते छ सालों में वे परिवार के सदस्यों को देह दान के लिए मनाने में सफल रहे. कस्बे के अस्पताल में एक्स-रे और सोनोग्राफी मशीन के लोकार्पण अवसर पर उन्होंने देह दान का संकल्प पत्र भर कर एक मिसाल पेश की है.


किसी के काम आए मृत शरीर
देह दान करने वाले भीमराज श्रृंगी बताते हैं कि इससे अच्छी बात क्या होगी कि मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी हीने के बदले डॉक्टरों और छात्रों के काम आएगा ताकि वे मरीजों के उपचार के लिए नये शोध और उपचार के तरीकों की खोज कर सके.