Bundi News: बूंदी के अमरूदों की मिठास इन दिनों देश के कई राज्यों में पहचान बना रही है. यहां से अमरूदों की बंपर पैदावार के बाद प्रतिदिन दर्जनों गाड़ियां दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में अमरूद का परिवहन कर रही हैं. अमरूदों की बंपर पैदावार किसानों को रोजगार का जरिया बन रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बूंदी जिले में अमरूदों की बिक्री देखते ही बनती है. यहां हाईवे 52 से गुजरने वाले लोग अमरूद की मिठास को पसंद करने लगे हैं. वहीं, बूंदी तालेड़ा हिंडोली सहित कहीं ग्रामीण इलाकों में अमरूदों के बाग फल-फूल रहे हैं.


यह भी पढे़ं- Gangster Raju Thehat : गैंगस्टर राजू ठेहट की कहानी जिसे आनंदपाल से दुश्मनी भारी पड़ी, अब सीकर में हत्या


देसी वह हाइब्रिड नई तकनीक के बीज से पौध तैयार कर अमरूद के बाग तैयार किए गए हैं. सैकड़ों बीघा में जहां फसल की आमदनी किसानों को काफी मेहनत और बड़े खर्च के बाद मिलती है. आमदनी का जरिया अब अमरूदों के बगीचे होने लगे हैं.


युवा किसान हर्ष शर्मा बताते हैं कि 1 पौधे को लगाने के 3 साल बाद अमरूद आने लग जाते हैं. नई तकनीकी के उन्नत बीज से अमरूद में मिठास अधिक आती है अमरूदों की क्वालिटी की पहचान कर उसे पैक किया जाता है. उसके बाद उसे अन्य राज्यों में डिमांड के अनुसार भेजा जाता है. अधिकांश अमरुद राजस्थान के कई शहरों के अलावा हरियाणा पंजाब दिल्ली में जा रहा है. बूंदी के अमरूद की मिठास को तैयार करने में बिहार के श्रमिक भी इस काम में जुटे रहते हैं.


अमरूदों के बगीचे लगाने में किसान काफी रूचि ले रहे हैं. बगीचा लगाने के बाद इसमें ज्यादा मेहनत का काम नहीं होता. इसके अलावा जो खाली जगह होती है, उसमें भी सीजन की फसल हो जाती है, जिससे किसान को दुगनी आमद मिल रही है. अमरूद के छोटे-छोटे बगीचे से किसान काफी खुश हैं. बगीचा तैयार होने के बाद ठेकेदार इस काम में एकमुश्त बोली लगाकर बगीचे को खरीद लेते हैं.


Reporter- Sandeep Vyas