Bundi: नगर परिषद पैरापेरी में गांधीग्राम निवासी गोठू ने स्वयं छोटू न होते हुए भी स्वयं को गोठू उर्फ छोटू बताकर 2 फरवरी 2021 को राजस्ववाद संख्या 7/2021 उपखण्ड न्यायालय बूंदी में पेश किया. वादी गोठू ने स्वयं की आयु 75 वर्ष बताते हुए दावा पेश किया और अपना नाम गोठू ने छोठू न होते हुए स्वयं को गोठू उर्फ छोटू बताते हुए न्यायालय मे मिथ्या तथ्य प्रस्तुत किए.


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फर्जी तरीके से भूमि स्वयं के नाम खातेदार के स्थान पर दर्ज करवाने का आदेश दावा दायर होने के दो माह भी अवधि 26 अप्रेल 2021 को प्राप्त कर लिया. जिस भूमि का खातेदारी अधिकार प्राप्त किया गया. वह लीज की 27 बीघा भूमि है, नगर परिषद के पेराफेरी क्षेत्र में होने के कारण इसका बाजार भाव करोडों रुपये हैं.


इस प्रकरण में तत्कालीन उपखण्ड अधिकारी कैलाश गुर्जर ने राजनैतिक दबाव के चलते क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर खातेदारी अधिकार प्रदान किए हैं. उपखण्ड अधिकारी गुर्जर ने राजस्व न्यायालय मे दायर दावों के निस्तारण मे निर्धारित प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया.


संभागीय आयुक्त ने अपने निरीक्षण प्रतिवेदन में इस बात का उल्लेख किया है.इसके बाद कैलाश गुर्जर को राज्य सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया था.


इसके बाद विकास शर्मा नामक युवक ने अपने द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र पर पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं करने पर आहत होकर न्यायालय का सहारा लिया और कई उतार चढ़ाव के बाद न्यायालय ने 156(3) के इस्तगासे पर सदर थाना पुलिस को धारा 419,420,467,468,471 भा.द.स मे दर्ज करने के आदेश दिए.


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