Lakheri : राजस्थान के बून्दी जिले में लाखेरी नगर पालिका की साधारण बैठक नियमों के चलते निरस्त करनी पड़ी. विधानसभा सत्र चलने और विधायक की अनुमति नहीं लेने के चलते बैठक निरस्त करनी पड़ी. पार्षद हरिशंकर मेहरा ने इस बात को रखा कि विधानसभा सत्र के दौरान बोर्ड की बैठक बिना विधायक की अनुमति के नहीं हो सकती. इसके चलते बैठक निरस्त हो गयी.


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अलबत्ता बैठक में रामलीला दशहरा और कवि सम्मेलन के संयोजक बनाने को लेकर कांग्रेसी पार्षद अपने ही बोर्ड में पहली बार मुखर नजर आए. नाराज पार्षदों ने सदन में अध्यक्ष पर पार्षदों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया. सांस्कृतिक कार्यक्रम से लेकर नीतिगत फैसलों में पार्षदों को दूर रखने की बात से कांग्रेसी पार्षद नाराज नजर आए. इस दौरान उपाध्यक्ष लटुर लाल सासना विरोधी पार्षदों के साथ समझाइश करते दिखें.


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ये पहली बोर्ड की बैठक है, जिसमें सम्मान और उपेक्षा को लेकर भाजपा पार्षद विरोध के चलते बैठक में नहीं पहुंचे. भाजपा के 10 पार्षद बैठक में नहीं पहुंचे. इस पर विपक्ष के नेता रवि कहार का कहना था कि पालिका यूं तो सबको साथ लेकर चलने की बात कहती है, वही सभी फैसले सर्व सहमति के बदले अपनी मर्जी से लेती है.


पार्षदों मे वार्डो में विकास कार्यो समेत कई कार्यक्रमों में उनकी उपेक्षा की जाती है. आपको बता दें कि नगर पालिका लाखेरी की कार्यशैली पर कई सवालियां निशान उठ चुके हैं. नगर पालिका चेयरमैन बूंदी के एक पूर्व मंत्री के इशारे पर काम करती है, जिससे क्षेत्र के लोगों में काफी नाराजगी है. विकास कार्य चर्चित होने के बावजूद भी इस नगरपालिका पर कोई ध्यान नहीं देता, ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में पिछले कार्य को लेकर भी कई बड़े सवाल खड़े हो सकते हैं. 


रिपोर्टर- संदीप व्यास 


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