Bundi: बूंदी जिले के नमाना थाना क्षेत्र के आमली गांव के पास खेतों में बने मकान में निवास कर रहे धर्मराज मीणा के परिवार पर बीती रात बड़ा संकट आ गया. जब एक सांप ने उसकी पत्नी सहित बेटे को डस लिया. हादसे के बाद घबराते हुए ममता मीणा ने अपने पति को सांप के डसने की बात पर ही उसके बाद परिवार जन दोनों को गंभीर हालत में कोटा अस्पताल ले गए. जहां उपचार के दौरान ममता ने दम तोड़ दिया. उसके बाद 3 वर्षीय मासूम की भी सांसे थम गई, सूचना के बाद नमाना पुलिस ने दोनों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया और मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.


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एक साथ मां बेटे की मौत होने से बुधवार को कहीं घरों में चूल्हे नहीं जले पूरा गांव के लोग सदमे में आ गए. ग्रामीण राकेश मीणा रामप्रताप मीणा ने बताया कि मृतक पत्नी का पति धर्मराज और उसका परिवार गांव में सबसे मिलनसार था छोटे या बड़े सुख-दुख में सबके साथ रहता था. यह अचानक हुई घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.


10 दिनों में चार घटनाओं, और तीन की मौत


नमाना क्षेत्र में पिछले 10 दिनों में सांप के डसने की 4 घटनाएं हो चुकी है. जिसमें से 2 महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गई. वहीं एक युवक को नमाना थाने के कांस्टेबल चंचल चौधरी की सूझबूझ से बचा लिया गया. 3 दिन पहले अंधेड गांव में अपने आंगन में दंत मंजन करते समय एक किशोरी कविता मेघवाल को सांप ने काट लिया था जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं करीब 10 दिन पहले नमाना घोड़ा पछाड़ नदी पर कुम्हारिया हनुमान मीणा को सांप ने काट लिया था. इसी मार्ग से गुजर रहे कांस्टेबल ने हनुमान मीणा के पैर में बोतल से कट लगाकर खून निकाल कर सांप के जहर को बाहर निकाला. वह कोटा उपचार के लिए ले गया जिससे उसकी जान बच गई. वहीं आमली में मंगलवार रात को सांप के काटने से मां बेटे की मौत हो गई.


बच जाती मां बेटे की जान


आमली गांव में मां-बेटे को सांप के काटने के बाद उनकी जान बचाई जा सकती थी. बस परिजनों को थोड़ी सी सतर्कता बरतते हुए उन्हें उपचार के लिए नमाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाना था. अस्पताल के प्रभारी डॉ राजू चांदना ने बताया कि आमली निवासी ममता मीणा और उसके पुत्र कृष्ण मीणा को सांप के काटने के बात अगर परिजन नमाना अस्पताल लेकर आते तो पीड़ितों को एनटी स्नैक इंजेक्शन लगा कर उन्हें कोटा की जगह बूंदी रेफर करते बूंदी की दूरी कम होने के चलते यहां उनका उपचार समय पर हो जाता. जिसकी वजह से मां बेटे की जान बचाई जा सकती थी लेकिन परिजनों की ओर से कोटा ले जाने में समय अधिक लग गया. जिससे प्राथमिक उपचार शुरू होने में देर हो गई.


Reporter- Sandeep Vyas


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