भगवान श्री सांवलिया सेठ के खुले भंडारे, 4 चरणों के बाद पूरी रकम की गणना बची...जानिए अब तक कितनी निकली राशि
Chittorgarh News: भगवान श्री सांवलिया सेठ के भंडारे खोले गए. 4 चरणों के बाद पूरी रकम की गणना बची हुई है. जानिए अब तक कितनी राशि निकली है.
Rajasthan News: मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्णधाम सांवलियाजी में भगवान श्री सांवलिया सेठ के भंडार से 21 करोड़ 96 लाख 45 हजार रुपए निकले.
हर महीने कृष्ण पक्ष चतुर्दशी और अमावस्या को भगवान श्री सांवलिया सेठ का 2 दिवसीय मासिक मेला आयोजित किया जाता है.
इसी क्रम में शनिवार कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को ठाकुरजी के दो दिवसीय मासिक मेले के पहले दिन भगवान श्री सांवलिया सेठ की राजभोग की आरती के बाद ठाकुरजी का भंडार कड़ी सुरक्षा के बीच खोला गया.
शनिवार को ठाकुरजी के भंडार से 11 करोड़ 34 लाख 75 हजार रुपए की राशि प्राप्त हुई थी. शेष बची राशि की गणना सोमवार को दूसरे चरण के रूप में की गई.
सोमवार को दूसरे चरण की गणना में 03 करोड़ 60 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई.
सोमवार को की गई गणना के बाद शेष बची राशि की गणना मंगलवार को तीसरे चरण के रूप में की गई. तीसरे चरण की गणना में ठाकुरजी के भंडार से 04 करोड़ 27 लाख 80 हजार रुपए की राशि प्राप्त हुई.
बुधवार को ठाकुरजी के भंडार से प्राप्त राशि की चौथे चरण के रूप में गणना की गई. बुधवार को चौथे चरण की गणना में ठाकुरजी के भंडार से 02 करोड़ 96 लाख 45 हजार रुपए की राशि प्राप्त हुई.
चारों चरणों की गणना में ठाकुरजी के भंडार से अब तक कुल 21 करोड़ 96 लाख 45 हजार रुपए की राशि प्राप्त हुई.
बुधवार को चौथे चरण की गणना करने के दौरान मंदिर मंडल बोर्ड के अध्यक्ष भेरुलाल गुर्जर, बोर्ड सदस्य संजय कुमार मण्डोवरा, ममतेश शर्मा, अशोक कुमार शर्मा, शम्भू सुथार, भेरुलाल सोनी, मंदिर मंडल प्रशासनिक अधिकारी द्वितीय नन्दकिशोर टेलर, मंदिर व्यवस्था प्रभारी राजेंद्र शर्मा, संपदा व सुरक्षा प्रभारी भेरुगिरी गोस्वामी, संस्थापन प्रभारी लेहरी लाल गाडरी, सहायक सुरक्षा प्रभारी प्रथम हरलाल गुर्जर, सहायक सुरक्षा प्रभारी द्वितीय बिहारीलाल गुर्जर सहित मंदिर मंडल तथा क्षेत्रीय बैंकों के कर्मचारी मौजूद थे.
बुधवार को चौथे चरण की गणना करने के बाद भी भंडार से प्राप्त सम्पूर्ण राशि की गणना नहीं हो पाई. साथ ही ठाकुरजी के भंडार से प्राप्त सोना तथा चांदी का वजन करना भी शेष रहा. मंदिर मंडल भेंट कक्ष कार्यालय में नगद व मनीऑर्डर के रूप में प्राप्त राशि की गणना तथा भेंट स्वरूप प्राप्त सोना तथा चांदी का वजन करना भी शेष रहा.