Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़ जिले के सबसे बड़े सांवलियाजी जिला राजकीय अस्पताल में जिम्मेदार लोग, सरकार की महत्वपूर्ण निशुल्क इलाज योजना को बट्टा लगा रहे है.


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जानकारी के अनुसार यहां जिला अस्पताल में प्राइवेट मोड में संचालित हीमो डायलिसिस यूनिट के दरवाजों पर ताला लगा कर यूनिट को बंद कर दिया गया. जिसे एक बड़ी लापरवाही माना जा रहा हैं.


वहीं इतनी बड़ी लापरवाही के बावजूद जिम्मेदार कार्रवाई करने की बजाय यूनिट संचालित करने वाली प्राइवेट कंपनी को बचाने में लगे नजर आ रहे है. सांवलियाजी जिला अस्पताल के डिप्टी कंट्रोलर व यूनिट नोडल अधिकारी मनीष वर्मा का कहना है कि प्राइवेट मोड में कंपनी के साथ हुए करार में रविवार को हीमो डायलिसिस यूनिट का अवकाश रहता है.


जबकि डायलिसिस यूनिट संचालक प्राइवेट कंपनी के स्टेट एडमिनिस्ट्रेटर अधिकारी अभिषेक यादव ने खुद ये बात मानी है कि हीमो डायलिसिस यूनिट को किसी भी हाल में बंद नही किया जा सकता. अस्पताल के साथ हुए उनकी कंपनी के MOU में वीकली ऑफ का जिक्र नहीं है. उनका तर्क था कि सोमवार से शनिवार तक संचालित डायलिसिस मशीनों को क्लीन करने में करीब तीन घंटे का समय लगता है. रविवार को इसी वजह से हीमो डायलिसिस यूनिट को बंद रखा जाता है. हालांकि उनका यह भी तर्क था कि अगर रविवार के दिन कोई किडनी पेशेंट डायलिसिस करवाने आ जाए, तो यूनिट ने बाहर दरवाजे पर स्टॉफ का मोबाइल नंबर लिखा है. कॉल करने पर स्टॉफ आ जाता है.


ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि हीमो डायलिसीस यूनिट बंद रखने की वजह से तीमारदार बिना डायलिसिस करवाए अस्पताल से लौट जाए, जिससे किसी किडनी रोगी की जान पर बन आए तो इसकी जवाबदेही किसकी होगी?