Chittorgarh: चित्तौड़गढ़ में विशाल धार्मिक आयोजन होने जा रहा है. 1 जुलाई को नरबदिया गांव स्थित अमरा भगत की तपस्या स्थली अनगढ़ बावजी तीर्थ स्थल पर सूरजकुंड आश्रम राजसमंद के अवधेश चेतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज के चातुर्मास के लिए 100 से ज्यादा संतो के साथ मंगल प्रवेश करेंगे.


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कार्यक्रम की खासियत यह है कि संत चतुर्मास के लिए यहां सांवलियाजी सड़क मार्ग के पास पहाड़ियों की छोटी सी तलहटी पर पूरा अवधेश चेतन्य नगर बसाया गया है और अंतिम चरण की तैयारियों में पूरे परिसर को प्राकृतिक सौंदर्य करण और हरियाली विकसित कर सजाया गया है. बताया जा रहा है कि इस चातुर्मास में 100 से ज्यादा संत वर्षावास के 90 दिन यहीं पर निवासरत रहेंगे, जिनके लिए घासफूस की 51 कुटियाओं का निर्माण किया गया है.


प्रत्येक कुटिया में दो-दो संत निवास करेंगे. इन कुटिया में हवा, पानी, रोशनी का पूरा प्रबंध किया गया है. साथ ही बड़ी कुटियाओं का निर्माण किया गया है जो अवधेश चेतन्य जी महाराज तथा चरखी दादरी के दंडी स्वामी जी महाराज के लिए विशाल रूप में बनाई गई है. जबकि प्रतिदिन आने जाने वाले संतों की संख्या भी बहुत ज्यादा होगी. वहीं संतो के लिए यहां प्रवचन यज्ञशाला, संत कुटिया भोजनशाला व स्नान की सुविधा तथा बगीचे विकसित किए गए हैं.


संत चातुर्मास में हिस्सा लेंगे लाखों श्रद्धालु


संत चातुर्मास में लाखों श्रद्धालुओं की भागीदारी की संभावना को देखते हुए चातुर्मास आयोजन समिति के पदाधिकारी दिन रात व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. बताया जा रहा है कि चातुर्मास के लिए संतो के प्रवेश दिवस के अवसर पर अमरा भगत की समाधि स्थल नरबदिया गांव से 11 हजार महिलाओं की कलश यात्रा शाही लवाजमें के साथ प्रारंभ होगी जो लगभग दो किलोमीटर लंबी होगी आयोजन कमेटी के अनुसार 1 जुलाई को संतो के चातुर्मास प्रवेश के समय हेलीकॉप्टर से संत व भक्तजनों पर आकाश मार्ग से पुष्प वर्षा की जाएगी. इसके किए कार्यक्रम आयोजन स्थल के पास हेलीकॉप्टर के लिए हेलीपैड निर्माण भी लगभग पूर्ण हो चुका है.


मुख्यमंत्री गहलोत और कई मंत्री होंगे शामिल


आयोजन कमेटी के अनुसार चातुर्मास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई मंत्रीगण और बड़े नेताओं को आमंत्रण दिया गया है, जिनके आने की संभावना है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी का 1 जुलाई को कार्यक्रम में आना तय हो चुका है. इन तीन महीनों के चातुर्मास में अलग-अलग संतों के प्रवचन होंगे. इसमें शिव पुराण, राम कथा, भागवत कथा, देवनारायण की कथा, बगड़ावत की कथा, सांवलिया सेठ की कथा, मीरा की कथा, अलग-अलग संतो के माध्यम से आयोजित होगी. इस अवधि में रात्रि में भजन संध्या का आयोजन भी होगा. बरसात के मौसम में यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा नहीं हो इसके लिए विशाल वाटरप्रूफ डॉम तैयार किए है.


आयोजन कमेटी की ओर से बताया गया कि सांवलियाजी से आने जाने वाले यात्रियों के लिए अनगढ़ बावजी सड़क मार्ग अवधेश चेतन्य नगर से होकर निकल रही डामर सड़क को बंद कर दी गई है. इसके बजाय पास में ही बाईपास दिया गया है. इसके अलावा पार्किंग के लिए तीनों ही सड़क मार्ग पर अलग-अलग व्यवस्था की जा रही है. पूरी अवधेश चेतन नगर को वायर फेंसिंग से बंद किया जाएगा. चातुर्मास स्थल पर दोनों प्रमुख संतों के दोनों कुटिया के पिछवाड़े राजसमंद से आए बागवान ने 2 घंटे में अशोक तथा फूलदार पौधे तथा दूप लगाकर बगीचा विकसित कर दिया. वहीं संतो के कुटिया के सामने भी गार्डन विकसित करने का कार्य प्रगति पर है.


चातुर्मास आयोजन के दौरान दूरदराज से आए विशेष अतिथियों के लिए सर्व सुविधा युक्त स्विस टेंट लगाए गए. जिसमें प्रत्येक में दो व्यक्तियों के ठहरने की व्यवस्था होकर कुल 20 अतिथियों के लिए है. एक और जहां इतने बड़े धार्मिक आयोजन में देश- प्रदेश से लाखों की संख्या में भीड़ जुटने के साथ पूरा क्षेत्र आध्यात्म और भक्ति के माहौल से सरोबार रहने वाला है, वहीं इतने बड़े आयोजन को लेकर स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक के अधिकारी पूरी तरह से अलर्ट मोड में नज़र आ रहे है.
Reporter- Om Prakash


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