Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़ में 5 दिन पहले रेलवे स्टेशन पर मृत मिले वृद्ध महमूद आलम को आखिरकार अपने गांव की मिट्टी नसीब हो सकेगी . उसके दूर के रिश्तेदार करीब 850 किलोमीटर दूर बिजनौर यूपी से पहुंचे जबकि उसका भाई उसे ठुकरा चुका था. पुलिस की आवश्यक कार्रवाई के बाद रिश्तेदार शव लेकर रवाना हो गए. पुलिस प्रशासन लावारिस मानकर अंतिम संस्कार करवाने की तैयारी मे था. कि ऐन वक्त पर रिश्तेदारों साथ मोहल्ले के लोग पहुंच गए. सबसे बड़ी बात यह है कि मृतक के NRI भाई ने अपने भाई के अंतिम संस्कार के प्रति कोई रुचि नहीं दिखाई तो कुछ दूर के रिश्तेदारों के साथ चंदा राशि एकत्र कर शव लेने पहुंच गए. 


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दरअसल 24 मार्च को सुबह रेलवे स्टेशन के पास सदर पुलिस को एक व्यक्ति मृत हालत में मिला. दस्तावेजों के आधार पर उसकी शिनाख्त उत्तर प्रदेश के स्योहारा, बिजनौर निवासी 67 वर्षीय महमूब आलम अंसारी के तौर पर की गई. एक डायरी में मोबाइल नंबर अंकित थे. पुलिस ने उन नंबरों पर संपर्क कर महमूद आलम की मौत संबंधी सूचना दे दी. 4 दिन बाद भी कोई नहीं आया तो पुलिस द्वारा लावारिस मानकर उसे दफनाने की तैयारी थी कि समीर अहमद के साथ चार पांच लोग मुर्दा घर पहुंच गए.
 
परिजनों को सौंपा शव
उन्होंने पुलिस के समक्ष अपनी आइडेंटिटी बताते हुए महमूद आलम अंसारी का शव ले जाने की अर्जी लगाई. भतीजे अरशद ने बताया कि माता पिता की मृत्यु हो चुकी है और फिलहाल उसके पास कोई कामकाज भी नहीं है. इस बीच दूरदराज के रिश्तेदार समीर अहमद सहित मोहल्ले के लोगों ने वाहन के लिए राशि जुटाई. समीर अहमद के अनुसार हालांकि महमूद आलम बचपन से ही घर से निकल गया था और उसका कोई अता-पता नहीं था. इस कारण गांव के लोग भी उसे नहीं जानते थे. इसके पीछे एक ही मकसद है कि कैसा भी था लेकिन उसने हमारे गांव में जन्म लिया है तो उसे अंतिम समय में मिट्टी भी अपने गांव की नसीब होना चाहिए. इसीलिए हम लोग चित्तौड़गढ़ आए. पुलिस ने आवश्यक कानूनी कार्रवाई के बाद शव उन्हें सौंप दिया. जिसे लेकर वे बिजनौर रवाना हो गए.