Rajasthan news: चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा में पाड़ाझर पिकनिक स्पॉट पर घूमने गए 50 से ज्यादा पर्यटक बरसाती नालों के उफान पर होने की वजह से जंगल के बीच ही फस गए. पर्यटकों में अधिकांश लोग कोटा के रहने वाले बताए जा रहे थे, जिनमें से महीने के बच्चे से लेकर बुजुर्ग और महिलाएं व पुरुष शामिल थे. सूचना के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी स्थानीय गौताखोरों को लेकर मौके पर पहुंचे, लेकिन बीच में बरसाती नाला पड़ने की वजह से वे पर्यटकों तक नहीं पहुंच रहे थे. 


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वहीं, देर रात 10.30 बजे तक कोटा एसडीआरएफ टीम घटना स्थल पहुंची, लेकिन ऊबड़खाबड़ रास्तों और कीचड़ की वजह से एसडीआरएफ की गाड़ी घटना स्थल से एक किलोमीटर पहले जंगल के बीच फस गई. ऐसे में एसडीआरएफ टीम रेस्क्यू और बचाव के संसाधन लेकर पैदल ही घटना स्थल के लिए रवाना हो गई, लेकिन अंधेरे और बरसात की वजह से एसडीआरएफ रेस्क्यू मिशन शुरू नहीं कर सकी. आज सुबह फिर से एसडीआरएफ टीम ने अल सुबह रेस्क्यू मिशन शुरू किया और करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पिछले 15 घंटों से जंगल के बीच फंसे 53 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया, तब कहीं जाकर प्रशासन सहित पर्यटकों और उनके परिजनों ने राहत की सांस ली.



मौज मस्ती के बाद घर लौटना हुआ मुश्किल
रावतभाटा से करीब 15 किलोमीटर दूर अभ्यारण क्षेत्र में घने जंगल के बीच स्थित 35 फ़ीट ऊंचे पहाड़ से गिरता पाड़ाझर झरना पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करता है. साल के 10 महीने ये झरना मुसल्सल बहता रहता है. मानसून के दिनों में अच्छी बरसात के कारण ये झरना पूरे वेग से बहता है. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने आते है और मौज मस्ती के बाद घर लौट जाते है. कल 15 अगस्त को छूट्टी का दिन होने की वजह से बड़ी संख्या में कोटा सहित अलग-अलग इलाकों से पर्यटक पाड़ाझर पिकनिक स्पॉट घूमने आए थे. आते समय बरसात नही थी, लेकिन कल शाम से रावतभाटा में बरसात का दौर शुरू हुआ जो कई घंटों तक चला, जिससे रास्ते में पड़ने वाले सभी बरसाती नाले उफान पर आ गए. जिसके चलते घर लौटते पर्यटक जंगल में ही अटक कर रह गए. 



जंगल में ही की ठहरने की व्यवस्था
50 से ज्यादा पर्यटकों के जंगल में फसने की सूचना मिलते ही स्थानीय से लेकर ज़िला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया. जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने खुद मामले पर निगरानी रखी और रात को ही मौके पर पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों सहित स्थानीय गोताखोरों को भेजा. बरसाती नालों के उफान पर होने की वजह से पर्यटकों जंगल के आसपास पड़ने वाले गांव के लोगों से संपर्क साधा गया और फंसे लोगों में से आधे लोगों को झरने के पास ही स्थित शिव मंदिर और कुछ लोगों को गांवों में पहुंचाकर उनके ठहरने और खाने पीने का बंदोबस्त किया गया. सुबह एसडीआरएफ ने रेस्क्यू मिशन चलाया और सभी 53 लोगों को जंगल से सुरक्षित निकाल लिया गया. 



हर साल जंगल में अटकते है लोग
रावतभाटा में बरसात के दिनों में भैंसरोडगढ़ अभ्यारण्य क्षेत्र में हरे भरे पहाड़, नदी और झरनों के बीच मौजूद पिकनिक स्पॉट पर्यटकों को खूब आकर्षित करते है. साल भर कोटा, झालावाड़ और आसपास इलाकों से बड़ी संख्या में पर्यटक पाड़ाझर, चूलिया फॉल झरने सहित प्राकृतिक नजारों का आनंद लेने आते है. खाई, उबड़ खाबड़ रास्तों, फिसलन भरी चट्टानों, गहरे पानी की वजह से ये एडवेंचर भरे पिकनिक स्पॉट जोखिम हो जाते है. खासकर मानसून के दिनों में जंगल में बारिश की अधिकता की वजह से सालभर शांत पड़े रहने वाले बरसाती नाले अचानक उफान पर आ जाते है, जिससे आने जाने वाले रास्ते बंद हो जाते है. यही कारण है कि हर साल पाड़ाझर और आसपास इलाकों में पिकनिक मनाने आए लोग यहां फंस जाते है. 



संवाददाता: ओमप्रकाश भट्ट


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