निंबाहेड़ा निवासी शंभूलाल पाटीदार पिछले 40 सालों से सक्रिय, स्वच्छता ही इनकी पूजा
Nimbahera, Chittorgarh News: चितौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा निवासी शंभूलाल पाटीदार ने स्वच्छता को ही अपनी पूजा बनाया है, जो आज 70 वर्ष की उम्र में भी चुस्त-दुरुस्त और बीमारियों से दूर है.
Nimbahera, Chittorgarh News: चितौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अरनोदा में स्वच्छता ही पूजा, स्वच्छता ही सेवाकर्म के उदाहरण शंभूलाल पाटीदार हैं. यह एक ऐसा व्यक्ति है, जो आज 70 वर्ष की उम्र में भी चुस्त-दुरुस्त और बीमारियों से दूर है, जो प्रकृति के किसी वरदान से कम नहीं है.
निम्बाहेड़ा तहसील के ग्राम अनरोदा का एक ऐसा व्यक्तित्व जो बीते 40 सालों से अपने गांव और आस-पास के लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाता आया है, जो कहते हैं कि स्वच्छता एक अच्छी आदत है, जो हम सभी के लिए अति आवश्यक है. पाटीदार बताते हैं कि, हमें अपने घर पर, पालतू जानवर हो या अपने आस-पास का क्षेत्र, पर्यावरण, तालाब, नदी, स्कूल, आदि सहित सबकी साफ-सफाई आवश्यक रुप से करनी चाहिए. हमें सदैव साफ, स्वच्छ और अच्छे कपड़े पहनने चाहिए. ये समाज में अच्छे व्यक्तित्व और अच्छे प्रभाव को बनाने में मदद करते है, क्योंकि ये आपके अच्छे चरित्र को दिखाते हैं. पाटीदार कहते हैं कि हमें अपने गली-मोहल्ले और चौराहे की साफ-सफाई भी नियमित करनी चाहिए और लोगों को सफाई के लिए प्रेरित करना चाहिए.
ये सिर्फ कहते ही नहीं है, बल्कि खुद करते भी हैं. ये निम्बाहेड़ा तहसील मुख्यालय की ग्राम पंचायत अरनोदा के निवासी शंभूलाल पाटीदार का विशेष व्यक्तित्व,जो अपने जीवन के 70 बसंत पूर्ण कर चुके हैं. शंभूलाल पाटीदार लगभग 30 वर्ष की आयु से ही स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं. ये अपने निवास स्थान से गांव के धन्ना चौराहे तक प्रतिदिन सुबह सायंकालीन से सफाई करते हैं और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हैं. इनसे प्रेरणा लेकर चार-पांच व्यक्ति और भी उनके पास के मोहल्ले में सफाई के प्रति जागरूक हुए है और अपने यहां की सफाई का कार्य इन्होंने अपने रोज के नित्य कर्म में शामिल किया है.
सफाई के प्रति इनका जुनून तब से हैं, जब गांव में कच्ची सड़के हुआ करती थी,जब चारों ओर धूल-मिट्टी उड़ा करती थी और उड़ती धूल पर पानी का छिड़काव कर उसको शांत करना, इन्होंने अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया था. इनके घर के पास ही चौपाल पर लोग सुबह-शाम बैठते हैं एवं सर्दियों में धूणी चलती रहती है, जहां इनके सहयोग से अच्छा वातावरण उत्पन्न होता है.
पाटीदार वर्षो से जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को आवश्यक पाठ्यसामग्री एवं गणवेश अपनी वृद्धावस्था पेंशन से मिलने वाली राशि से उपलब्ध करवाते रहते है. पर्यावरण प्रेमी,
पशु-पक्षियों के प्रति अनन्य प्रेम एवं दया का भाव रखते हैं. ये हर सुबह कबूतरों व पक्षियों को दाना डालते हैं. समय-समय पर अनगिनत वृक्षारोपण भी करते हैं, खेत की मेड़ हो या कोई सार्वजनिक स्थान फलदार पौधे हो या, छायादार पौधे लगाते रहते हैं और बराबर इनकी देखभाल भी रहती हैं.
पशुपालन और व्यवसाय
खेती के साथ-साथ पशुपालन में भी इनकी विशेष रूचि है. इनके पास 15 गाय एवं बछड़े हैं. गायों से प्रतिदिन 40 लीटर दूध का उत्पादन होता है, जिसका विक्रय डेयरी पर करते हैं. खेती के साथ-साथ पशुपालन, मुख्य व्यवसाय के रूप में है. इससे अच्छी आमदनी भी होती है. गोबर के खाद का उपयोग खेती में करते है, इससे ये वर्मी कंपोस्ट भी बनाते है. इन्होंने इनके नाती को इस व्यवसाय में प्रोत्साहित किया, वो आज सरस डेयरी दुग्ध संकलन केंद्र का सफल संचालन कर रहा है, जिसका प्रतिदिन दुग्ध संकलन 750 लीटर है.
पाटीदार अपने समाज के लिए वटवृक्ष पाटीदार समाज में इनको वटवृक्ष के रूप में मानते है और सम्मान देते हैं. वहीं, समस्त समाज इनके मार्गदर्शन में ही सारे सामाजिक पारंपरिक कार्य संपादित करते हैं. ये सामाजिक कुरूतियों का खुलकर विरोध करते हैं. इनकी दृष्टि में बेटा-बेटी एक समान है.
दिनचर्या एवं स्वास्थ्य
किशोरावस्था से अब तक देशी दातुन जैसे नीम एवं बबुल की टहनी से दंत मंजन किया करते हैं. आज 70 वर्ष की आयु में भी इनके दांत सही सलामत है. शंभू लाल पाटीदार स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति भी कम जागरूक नहीं है, प्रतिदिन सांयकल पर लगभग 10 किलोमीटर तक का सफर करते है और ये इनके विचार से व्यायाम है. इससे शक्ति मिलती है. इन्हें किसी भी प्रकार का कोई भी रोग नहीं है. ये आज भी एकदम स्वस्थ और निरोग है.
जनप्रतिनिधियों ने ग्राम चौपाल पर किया सम्मान
एक प्रवास के दौरान जब सांसद चंद्रप्रकाश जोशी , उपजिला प्रमुख भूपेंद्र सिंह सोलंकी एवम जिला महामंत्री सोहन लाल आंजणा की उपस्थिति में सार्वजनिक चर्चा में मुकेश पाटीदार (दूदू) एवं शेलेन्द्र पाटीदार ने इनका जीवन परिचय दिया तो सभी जनप्रतिनिधियों ने भावविभोर होकर करताल से शंभूलाल पाटीदार का सम्मान किया और इनके जीवन को जनसाधारण के लिए प्रेरणादाई एवं अनुकरणीय बताया.
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