चितौड़गढ़:  डूंगला उपखंड क्षेत्र का सबसे बड़ा एवं एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जर्जर हो गया है एवं गत एक फरवरी को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी चित्तोड़गढ़ ने चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डूंगला को चिकित्सा संस्थान अन्यत्र चलाने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जारी पत्र में बताया कि अधिशासी अभियंता की रिपोर्ट के बाद भवन के बारे में उच्चाधिकारियों को सूचित कर आवश्यक दिशा निर्देश चाहे गए हैं एवं दिशा निर्देश प्राप्त होने तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को दूसरी जगह शिफ्ट के निर्देश दिए गए हैं.


इस संबंध में जानकारी करने पर पता चला कि अधिशासी अभियंता मेडिकल एंड हेल्थ चित्तौड़गढ़ ने 30 अक्टूबर 2022 की रिपोर्ट में भवन में कक्ष संख्या 18 जो की वार्ड है एवं कक्ष संख्या 20 लेबर रूम है, यह दोनों ही काम में लेने लायक हैं इसके अलावा पूरा भवन जर्जर है. इसके लिए जनप्रतिनिधियों व स्थानीय प्रशासन के सहयोग से अविलंब अन्य भवन कीराये लेकर वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के संचालन के निर्देश दिए हैं. बताया गया कि यह भवन जर्जर होकर मरम्मत योग्य नहीं है.


यह भी पढ़ें: बुजुर्ग दंपति से मारपीट और गहने लूटने की वारदात का वीडियो वायरल, 48 घंटे बाद भी खाली हाथ पुलिस, देखें खौफनाक VIDEO


अभी तक नहीं मिल रही दूसरी जगह


इसके लिए अधिकारियों ने यहां पर विकल्प की भी तलाश की, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है. इसके साथ ही नवीन भवन निर्माण के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा 8 से 12 बीघा जमीन आवंटन की मांग की गई है जो कि अभी अमल में नहीं लाई लाई जा सकी हैं. बताया गया कि उक्त भवन में 1996 में प्राथमिक से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में क्रमोन्नत होने पर विस्तार हुआ था एवं पुराना चिकित्सालय करीब 5 दशक पुराना है जिससे जगह-जगह से प्लास्टर गिर रहा हैं एवं छत गिरने लगी है.


डॉक्टरों के आवास में छत के गिर रहे छज्जे


इसके साथ ही इस परिसर में बने चिकित्सक आवास में भी कई मकानों में छज्जे गिरने लगे हैं एवं वह भी अब नकारा होने की श्रेणी में आ रहे हैं. इस चिकित्सालय भवन में आयुर्वेद चिकित्सालय भी संचालित हो रहा है जिसके बाहर छत का प्लास्टर पूरी तरह से गिर गया है एवं यहां पास वाला मुख्य दरवाजा बंद कर रखा है एवं आने वाले मरीज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य द्वार से ही आयुर्वेद औषधालय में जाते हैं. वर्तमान में इस चिकित्सालय में लगभग 250 मरीज का आउटडोर प्रतिदिन है एवं 50 से 60 प्रसव प्रतिमाह हो रहे हैं. इससे पूर्व गत 14 सितंबर को खंड मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने उपखंड अधिकारी को पत्र देकर चिकित्सालय में कमियां बताई थी.