Sanwaliya Seth: सांवलिया सेठ का मंदिर राजस्थान के प्रमुख मंदिरों में से एक है. यहां श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा रहती है.  कृष्ण धाम सांवलिया सेठ मंदिर दरबार की दानपेटी से करोड़ों रुपये निकले. हर महीने सांवलिया सेठ मंदिर में दानपेटी खुलती है. जिसके बाद सुरक्षा इंतजाम के साथ भंडारे से निकली रकम की गणना होती है.


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गुरुवार को सांवलिया सेठ मंदिर में दानपेटियां खुली. प्रशासनिक अधिकारी और मंदिर मंडल पदाधिकारियों की मौजूदगी में दानपेटियों में आई रकम की गणना हुई. सुबह 11 बजे गुरुवार को गणना शुरू हुई. जोकि शाम तक जारी रही.


 कुल 6 करोड़ 17 लाख 75  हजार रुपये पहले दिन की गणना खत्म होने के बाद मिले. इसके अलावा अभी हर महीने की तरह ऑनलाइन सहित अन्य माध्यम से दिए गए चढ़ावे की राशि के साथ सोने चांदी के आभूषण की काउंटिंग बची हुई है. बताया जा रहा है कि अगली गणना 12 फरवरी को होगी. शुक्रवार यानी आज अमावस्या होने के कारण गणना नहीं हुई. 


भंडार से प्राप्त राशि की प्रथम चरण की गणना करने के दौरान चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर आलोक रंजन, श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व चित्तौड़गढ़ अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार, मंदिर मंडल बोर्ड के पदाधिकारियों सहित क्षेत्रीय बैंकों और  मंदिर मंडल के कर्मचारी उपस्थित थे.


श्री सांवलिया जी मंदिर का भंडारा या दानपात्र एक महीने में एक बार खुलता है, यह चतुर्दशी को खुलता है और इसके बाद अमावस्या का मेला शुरू हो जाता है. सांवलिया सेठ मंदिर में कई एनआरआई भक्त भी आते हैं, जहां भंडारे से डॉलर, अमरीकी डॉलर, पाउंड, दिनार, रियॉल आदि के साथ कई देशों की मुद्रा निकलती है. कहा जाता है कि भगवान श्री सावलिया सेठ का संबंध मीरा बाई से है, सांवलिया सेठ मीरा बाई के वही गिरधर गोपाल है, जिनकी वह पूजा किया करती थी.