चित्तौड़गढ़: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चित्तौड़गढ़ के पीठासीन अधिकारी उदयसिंह आलोरिया द्वारा अपने महत्त्वपूर्ण निर्णय द्वारा चेक अनादरण के अपराध के लिए अभियुक्त मुकेश छीपा पिता रामकरण छीपा निवासी आदर्श काॅलोनी, कुम्भा नगर चित्तौड़गढ़ को दोषसिद्ध घोषित किया और 2 लाख 50 हजार रुपए जुर्माना राशि और 1 वर्ष के कारावास से दण्डित किया है.


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परिवादी सुनील खटीक पिता धन्नालाल खटीक निवासी- खटीक मौहल्ला, चित्तौड़गढ़ द्वारा अपने एडवोकेट- रत्नेश बोहरा और विशाल सिंह भाटी के मार्फत चेक अनादरण का 1 परिवाद अभियुक्त मुकेश छीपा के विरुद्ध न्यायालय में पेश किया था कि परिवादी सुनील खटीक से, अभियुक्त मुकेश छीपा ने अपने व्यवसाय, घरेलु खर्च एवं कर्ज अदायगी में रकम की जरुरत बताकर 1 लाख 25 हजार रुपये उधार लिए और इस ऋण के पूनर्भुगतान के लिए अभियुक्त द्वारा उसके बैंक खाते का एक चैक नं. 212511, 8 मार्च 2016 का बैंक- HDFC बैंक लिमिटेड शाखा चित्तौड़गढ़ का राशि 1 लाख 25 हजार रुपए का विश्वास दिलाकर दिया था.


तीन महीने का अतिरिक्त जेल की सजा


 तय तारिख को बैंक में पेश करने पर उक्त चेक का भुगतान परिवादी को मिल जाएगा, लेकिन उक्त चेक खाता बंद के कारण अनादरित हो गया. नोटिस देने के बाद भी आरोपी ने रकम अदा नहीं की. जिस पर परिवादी ने एडवोकेट- रत्नेश कुमार बोहरा के मार्फत न्यायालय में परिवाद पेश किया कि प्रकरण की सुनवाई पूर्ण होने पर न्यायालय ने अभियुक्त मुकेश छीपा को इस अपराध में दोषसिद्ध पाकर को 2 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना और 1 वर्ष के कारावास से दण्डित किया है तथा जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्त 3 माह अतिरिक्त कारावास अलग से भुगतेगा.


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Reporter- Deepak Vyas