Kapasan: जिले की गंगरार तहसील के बोरदा निवासी परिवादी धनराज पिता किशन माली ने विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट एनआईएक्ट में जरिए अधिवक्ता के हेमंत पिता दिनेश शर्मा निवासी बड़नगर, जिला उज्जैन (म.प्र.) के विरुद्ध एक परिवाद पेश किया, जो न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 02 के पास अंतरित हुआ. 


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प्रकरणानुसार परिवादी ने हेमंत को रुपयों की आवश्यकता होने पर भिन्न-भिन्न समय में बीस लाख रुपये उधार दिए. चेक बैंक में प्रस्तुत करने पर स्टॅाप पैमेन्ट के चलते अनादरित हो गया. नोटिस के बावजूद भुगतान नहीं करने पर परिवाद न्यायालय में पेश किया गया. अभियुक्त द्वारा रुपये उधार नहीं लेने और चैक के वर्ष 2014 में गुम हो जाने पर बैंक में शिकायत कर स्टॅाप पेमेन्ट कराये जाने की बात कही है. 


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दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पीठासीन अधिकारी ने परिवाद स्वीकार कर अपराध अन्तर्गत धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम 1881 के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषसिद्ध पाये जाने पर दो वर्ष का साधारण कारावास और 21 लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया और अदम अदायगी अर्थदंड 6 मास साधारण कारावास की अलग से सजा सुनाई. परिवादी की ओर से पैरवी अधिवक्ता नरेन्द्र कुमार पोखरना और अक्षत पोखरना ने की है.


Reporter: Deepak Vyas


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