चित्तौड़गढ़: अफीम नीति 2022-23 के विरोध में अफीम किसानों का विशाल सम्मेलन 9 अक्टूबर को बाड़ीसादड़ी में होगा. राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसान अफीम किसान संघर्ष समिति के बैनर तले सरकार की नीति के खिलाफ प्रदर्शन कर वापस लेने की मांग करेंगे. भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति के संरक्षक मांगीलाल मेघवाल बिलोट ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा है कि किसान भाइयों! सुनो और सुनोगे तो ही समझोगे और समझोगे तो ही आर्थिक आजादी आएगी.


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अफीम खेती की नीति 2020 -23 में 1997-98 में अफीम खेती कर चुके उन सभी किसानों को अफीम खेती करने का समान आरी का लुवाई चिराई के अफीम पट्टे सभी किसानों को मिले की मांग भी मांगीलाल मेघवाल ने दोहराई उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जबरदस्ती मार्फिन की आड़ में जबरदस्ती किसानों को बलि का बकरा बनाया दिया गया, लेकिन अब उनको भी लुवाई के अफीम पट्टे मिले उन्होंने कहा कि मार्फिन किसान नहीं जानता तो ये 6% मार्फिन किसानों को लुटने और नारकोटिक्स कि जी हजूरी करने तक का कार्यक्रम है. जेब कतरू नीति बनाकर किसानों को भ्रमित किया जाता रहा है.


बैठक में ये लोग रहे मौजूद


सम्मेलन को लिए बुलाई गई बैठक में मांगीलाल ने किसान भाइयों से बड़ी संख्या में पहुंचकर नई अफीम नीति के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील की है. बैठक में मांगीलाल मेघवाल बिलोट, राष्ट्रीय अध्यक्ष नरसिंह दास वैष्णव, महासचिव भोपाल सिंह बादपुर, तहसील डूंगला अध्यक्ष प्रकाश जाट सती का खेड़ा, भेरूलाल जटिया, भंवरलाल मेघवाल सहित किसान उपस्थित होकर प्रेस नोट जारी किया है उन्होंने अफीम किसानों को आगामी रणनीति तैयार करने के लिए 9 अक्टूबर को बड़ीसादड़ी पहुंचने का आव्हान किया.


Reporter- Deepak vyas