Nimbahera: मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ के सप्तदश कल्याण महाकुंभ के उपलक्ष्य में ज्येष्ठ पूर्णिमा को प्रात: 7 बजे से दशहरा मैदान स्थित ढाबेश्वर महादेव से निकाली जाने वाली भव्य शोभायात्रा और कलशोत्सव से कल्याण महाकुंभ लक्खी मेले का स्वरूप लेगा. 


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वेदपीठ के पदाधिकारियों ने बताया कि शोभायात्रा और कलशोत्सव की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है, जिसमें डीजे साउंड, मालवी ढोल, 300 से अधिक गांवों की प्रभात फेरिया, बैंड-बाजे, केसरिया बाना पहने वीर-वीरांगनाएं, सैन्य वेशभूषा में शक्ति दल की बालिकाएं, 1500 से अधिक कलश धारण किए हुए माता-बहनों के साथ ही देश के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु शामिल होंगे. 


इस शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण अवंतिका नगरी के भस्म रमैया भक्त मंडल के 75 सदस्यों द्वारा पारम्परिक वाद्ययंत्रों का वादन एक ओर जहां महाकाल को रिझाने का जतन करेगा. वहीं कल्याण नगरी के राजाधिराज ठाकुर श्री कल्लाजी को रिझाने में कोई कसर नहीं रखेगा. शोभायात्रा में हाथी, घोड़े, ऊंट, ऊंटगाड़ियां, अश्वारोही, वीर-वीरांगनाएं शामिल होंगे. वहीं आचार्य वीरेन्द्रकृष्ण दोर्गादत्ती भी शोभायात्रा के साथ नगर भ्रमण करेंगे. 


वेदपीठ और वैदिक विश्वविद्यालय के बटुकों द्वारा मल्लखम्ब प्रदर्शन किया जाएगा. पूरे मार्ग में रंगीन कारपेट बिछाने के साथ ही तोप और ड्रोन से पुष्प वर्षा की जाएगी. वहीं कल्याण नगरीवासी भी अपने आराध्य के अनुपम दर्शन, पूजा और अर्चना और शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की पग-पग पर अगवानी करने के लिए भी आतुर है. शोभायात्रा में आकर्षक झांकियां और ठाकुरजी का सुसज्जित रथ शामिल होगा, जिसके लिए जन भावना यह रहेगी कि स्वयं ठाकुरजी नगर भ्रमण करते हुए भक्तों को सहज दर्शन दे रहे है. शोभायात्रा के दौरान मार्ग के विभिन्न स्थानों पर सतरंगी आतिशबाजी की जाएगी.


कल्याण महाकुंभ के उपलक्ष्य में प्रदेश में पहली बार 13वें पुराण के रूप में भविष्य पुराण की कथा मंगलवार से प्रारंभ होगी. व्यासपीठ पर विराजित होकर आचार्य वीरेन्द्रकृष्ण दौर्गादती भविष्य पुराण के माध्यम से भगवान सूर्य की उपासना के गहन मंतव्य को प्रतिपादित करेंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि नारायण पुराण पुरूषोत्तम है और भविष्य पुराण भगवान सूर्य के कार्यकारी स्वरूप का विस्तृत विवरण देने वाला पुराण है, जबकि ब्रह्म पुराण में सूर्यदेव के ब्रह्म स्वरूप का वर्णन मिलता है. यह कथा प्रतिदिन अपरान्ह 3 से सायं 7 बजे तक द्युलोक परिक्षेत्र स्थित सुमंतु मंडप में होगी.


नगर की माता बहनों द्वारा रविवार रात्रि को कल्याण महाकुंभ की सफलता के लिए वेदपीठ परिसर में रात्रिजागरण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में माता और बहनों ने पारम्परिक लोक भजन और गीतों से ठाकुरजी को आग्रह किया कि वे कल्याण महाकुंभ को पूर्णतया सफल बनाने के साथ ही सर्वत्र सुख समृद्धि का आशीर्वाद दे. सभी धर्मों के समन्वय की प्रतीक वेदपीठ पर सोमवार को सकल जैन समाज के धर्मावलंबियों द्वारा सामुहिक नवकार मंत्र जाप कर कल्याण नगरी को सुख समृद्धि से भरपूर करने के साथ ही देश और प्रदेश में अच्छी वर्षा और शांति की कामना की गई. 


पिछले कई दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी के बाद सप्तदश कल्याण महाकुंभ के भव्य आयोजन को सफल बनाने और कल्याण भक्तों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए सोमवार को स्वयं इन्द्रदेव भी कल्याण नगरी में पधार गए, जिसके फलस्वरूप हल्की बूदा-बांदी से मौसम सुहाना हो गया. वहीं कई कल्याण भक्तों ने इस बात की अनुभूति की कि महाकुंभ के पूर्व स्वयं इन्द्रदेव वेदपीठ पर विराजित पंचदेवों का अभिषेक करने पहुंच गए है.


कल्याण महाकुंभ को आकर्षक बनाने के लिए प्रथम बार वेदपीठ के मुख्य द्वार और परिसर में दुर्ग की प्राचीर का स्वरूप हजारों भक्तों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गया है. वहीं वेदपीठ को सतरंगी फूलों से सजाया जा रहा है. कल्याण महाकुंभ के पावन अवसर पर आयोजित भविष्य पुराण कथा के लिए सुमंतु कथा मंडप तैयार कर लिया गया है, जिसमें हजारों श्रद्धालु प्रथम बार भविष्य पुराण की कथा अमृतपान कर स्वयं को धन्य करेंगे.


कल्याण महाकुंभ के उपलक्ष्य में 17 से 21 जून तक आयोजित होने वाले 51 कुण्डीय मार्तण्ड महायज्ञ के लिए यज्ञशाला तैयार कर ली गई है. मार्तण्ड यज्ञशाला जहां यजमानों के अनुष्ठान का केन्द्र होगी. वहीं हजारों श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र होगी. इस यज्ञशाला के चारों ओर परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु भी यज्ञदेव के दर्शन कर सूर्य की कृपा के साथ शतगंगा का लाभ उठा सकेंगे.


कल्याण महाकुंभ को द्विगुणित करने के साथ ही सफलतम् बनाने के लिए एकादश रूद्रावतार हनुमान का आह्वान करने के लिए मंगलवार सायं वेदपीठ परिसर में नगर के सभी रामायण और सुन्दरकाण्ड मंडलों द्वारा सामुहिक सुन्दरकाण्ड का पाठ किया जाएगा, जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है. वेदपीठ की ओर से सभी मण्डलों से आग्रह किया गया कि वे समवेत स्वर में सुन्दरकाण्ड का पाठ करने में अपनी भागीदारी निभाएं.


महाकुंभ की पूर्व संध्या पर वेदपीठ से जुड़े वीर बालकों एवं कल्याण भक्तों द्वारा सायं वेदपीठ परिसर से डीजे साउंड और मालवी ढोल की थाप के साथ नगर जागरण के लिए विशाल वाहन रैली निकाली गई, जो कल्याण नगरी के सभी बाजारों, गलियों में होते हुए पुन: वेदपीठ परिसर में संपन्न हुई. इस दौरान वाहनधारियों के साथ नगरवासी भी ठाकुर जी के जयकारे लगाते हुए नजर आए.


Reporter: Deepak Vyas 


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