राज्य सरकार की योजनाओं को लग रहा बट्टा, आदिवासी किसानों को चक्कर कटवा रही ग्राम पंचायत
योजनाओं को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी निभाने वाले जिम्मेदार ही योजनाओं का बट्टा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहें.
Chittorgarh: राज्य सरकार नित नई जन कल्याण की योजनाएं बना आमजन को लाभ पहुंचाने के प्रयास कर रही है. वहीं योजनाओं को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी निभाने वाले जिम्मेदार ही योजनाओं का बट्टा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहें. रावतभाटा के राजपूरा ग्राम पंचायत में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला, जिसमें वन राज्य वनाधिकार योजना के अंतर्गत वन क्षेत्र में रहने वाले भील आदिवासी किसानों को पट्टे दिलवाने में कोताही बरती जा रही है.
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राजपूरा ग्राम पंचायत के वन क्षेत्र में सालों से निवासरत किसान खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. राज्य सरकार की वन अधिकार अधिनियम के तहत जमीन के पट्टे हासिल करने के लिए पंचायत में आवेदन किया था, लेकिन पट्टे मिलना तो दूर की बात आज तक आवेदनों की स्थिति के बारे में भी जानकारी नहीं दी गई, जबकि पटवारी ने करीब छह महीने पहले राजस्व विभाग से संबंधित कार्य पूरा कर लिया. बावजूद इसके अभी तक किसानों की फाइलें पंचायत मुख्यालय में धूल फांक रही है.
राजपूरा ग्राम पंचायत के दुधीतलाई, सादड़ा के किसानों ने बताया कि वे लंबे समय से राजपूरा पंचायत मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं. कभी फाइल आगे भिजवाने की, तो कभी खारिज करने की बात कही जाती है. आवेदन की स्थिति के बारे में ठीक से जानकारी नहीं मिल रही है. इस पर भील आदिवासी किसान सोमवार को भैंसरोडगढ़ पंचायत समिति मुख्यालत पहुंचे. यहां भी उन्हें अधिकारियों के चित्तौड़गढ़ मीटिंग में जाने की बात कही. ऐसे में भील आदिवासी किसान अधिकारियों का इंतजार करते दिखे.
इधर इस मामलें में राजपूरा सरपंच भूरी बाई के अनुसार करीब छह महीने पहले पटवारी ने प्राप्त आवेदनों की जांच के लिए जमीन का मौका नक्शा बना लिया था. तब से आवेदन पंचायत में रखी है. आगे भिजवाने के लिए पटवारी से बात की जाएगी. वहीं पटवारी धर्मेन्द्र ने बताया कि जांच पूरी कर फाइलें पंचायत मुख्यालय भिजवा दी थी. पंचायत प्रशासन क को इन्हें वन विभाग भिजवानी चाहिए थी.
Reporter: Deepak Vyas