Chittorgarh Murder:  ये कहानी चित्तौड़गढ़ की है, जहां दगाबाज दोस्त पहले दोस्ती में दगा दी और फिर दोस्त की जान ली. पहले उसने दोस्त की पत्नी को प्रेम जाल में फंसाया और उसे भगा कर ले गया. पत्नी जब वापस लौट कर पति के पास आई तो उसे इतना नागवार गुजरा की दोस्त की पत्नी को पाने की चाहत में उसने दोस्त का ही खून कर दिया.


दोस्त की पत्नी को प्रेम जाल में फंसाया 


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चित्तौड़गढ़ में प्रेमी की ओर से उसकी प्रेमिका के पति की हत्या के मामलें में खुलासे होते जा रहे हैं. दरअसल हत्यारोपी मृतक का दोस्त ही था. जिसने अपने दोस्त की पत्नी को प्रेम जाल में फंसाया, उसके बाद प्रेमिका के पति की बेरहमी से हत्या कर दी.


दोस्त निकला हत्यारा


मामले की शुरुआत में जाए तो मूल रूप से निम्बाहेड़ा कच्ची बस्ती का रहने वाला 35 साल का विष्णु रंगास्वामी अपनी पत्नी मंजू और चार बच्चों के साथ रेलवे स्टेशन इलाके में रहता था. बांसवाड़ा जिले के पाटन थाना क्षेत्र के कलधर का रहने वाला शातिर रमेश नाम का युवक विष्णु के संपर्क में आया और दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई.


दोस्त की पीठ में छुरा घोंप पत्नी से चलाया चक्कर


रमेश, धीरे धीरे विष्णु की पत्नी मंजू के संपर्क में आने लगा, और दोस्त की पीठ में दगाबाजी छुरा घोंप कर उसने दोस्त की पत्नी को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया. मंजू के पहले से 17, 12, 10 और 5 साल के चार बेटे है. बावजूद इसके वो भी रमेश की प्यार मोहब्बत की चिकनी चुपड़ी बातों में आ गई और रमेश के साथ जीने मरने के सपने देखने लगी.


दोस्त की गैर मौजूदगी में उसकी पत्नी से मिला करता 


बताया जा रहा है कि रमेश, विष्णु की गैर मौजूदगी में उसकी पत्नी से चोरी छुपे मिला करता था, और एक दिन उसने मंजू को साथ जीने मरने का हवाला दिया, और हमेशा खुश रहने के सपने दिखाए अपने साथ भगा कर ले गया. लेकिन कुछ महीनों बाद ही रमेश की दिखावे की महोब्बत असर कम हुआ, और वो संजू से जो खुश रखने के वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं कर सका.

ऐसे में संजू का भी धीरे धीरे रमेश के प्रति प्यार कम होने लगा, और अभी पांच दिन पहले ही मंजू रमेश को छोड़ कर चित्तौड़गढ़ में अपने भाई के पास आकर रहने लगी. विष्णु का दिल बड़ा था, उसे मंजू के चित्तौड़गढ़ आने का पता चला तो उसने पति-पत्नी जैसे रिश्ते को तोड़ने और चार बच्चों को छोड़ कर जाने के बावजूद पत्नी मंजू को दोबारा स्वीकार कर लिया, और उसे अपने पास ले आया और फिर से पति पत्नी बच्चों के साथ राजी खुशी रहने लगे.


हत्या की साजिश रच शराब पार्टी रखी


मंजू के घर लौटे पांच दिन गुजरे थे, कि छोड़ कर जाने से खफ़ा रमेश मंजू को तलाशता हुआ शुक्रवार को चित्तौड़गढ़ आ गया. यहां आते ही उसकी विष्णु से मिला और दोनों के बीच जोरदार झगड़ा हुआ. रमेश ने फिर से अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में दोस्त विष्णु को ले लिया, और गीले शिकवे दूर करने की बात कहते हुए उसी रात को शराब पार्टी रखी. विष्णु को क्या पता था कि खुद को अपना दोस्त बताने वाला रमेश मन में उसकी हत्या की साजिश रच रहा है.


शराब पीने के बाद हाथापाई 


पुलिस के अनुसार दोनों ने चित्तौड़गढ़ में प्रताप नगर स्थित होटल कमल के पास खाली जगह शराब पार्टी का आयोजन रखा. बताया जा रहा है इस दौरान विष्णु का बड़ा बेटा भी मौजूद था. शराब पीने के बाद एक बार फिर से मंजू को लेकर दोनों के बीच बहस होने लगी, और देखते ही देखते बहस हाथापाई में तब्दील हो गई.


लोहे का सरिया उठा कर विष्णु पर ताबड़तोड़ वार


इस बीच रमेश ने पास पड़ा लोहे का सरिया उठा कर विष्णु पर ताबड़तोड़ वार कर दिया. पिता को बुरी तरह पिटता देख विष्णु का बेटा भी डर के मारे मौके से भाग गया. गंभीर हमले में घायल विष्णु अचेत होकर वहीं गिर पड़ा और थोड़ी ही देर में उसने दम तोड़ दिया. वहीं रमेश भी वारदात को अंजाम देकर उसके घर गया और वहां से फिर से मंजू को अपने साथ लेकर मौके से फरार हो गया.


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मृतक की पत्नी भी शंका के घेरे में


सदर थाना क्षेत्र प्रतापनगर में स्थानीय लोगों से होटल कमल के पास शव पड़ा होने की सूचना पर सदर थाना पुलिस ने मृतक की शिनाख्त की. पड़ताल में मृतक के बेटे ने पूरी घटना के बारे में पुलिस को जानकारी दी.उधर, वारदात को अंजाम देने के बाद रमेश बस में बैठ कर बा बांसवाड़ा भागने की तैयारी में था. पुलिस ने मामले में तत्परता दिखाते हुए वारदात के कुछ घंटों बाद ही हत्यारोपी रमेश को शास्त्री नगर बस स्टैंड से दबोच लिया.


हत्यारोपी रमेश को बस स्टैंड से दबोचा 


अब पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है. दोबारा से रमेश के साथ भागने की वजह से मृतक की पत्नी भी पुलिस के शंका के घेरे में है. जल्द ही पुलिस पड़ताल में मामले का पूरा खुलासा होगा, जिसमें सभी राज बेपर्दा होकर आईने की तरह साफ नज़र आएंगे.