सुजानगढ़ के सरकारी अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए दर दर भटकने को मजबूर मरीज, जेब से चुकाने पड़ रहे हैं हजारों रुपये
Churu , Sujangarh news: सुजानगढ़ शहर के सबसे बड़े राजकीय बगड़िया अस्पताल में पिछले करीब एक साल पथरी, पेट दर्द सहित अन्य रोगों के रोगियों के लिए अस्पताल में सोनोग्राफी नहीं उपल्ब्ध होने के कारण परेशानियां बढ़ गई है. जिसके कारण मरीजों को हर महीने हजारों रूपये सिरिफ टेस्ट करवाने में देने पड़ रहे है.
Churu , Sujangarh news: सुजानगढ़ शहर के सबसे बड़े राजकीय बगड़िया अस्पताल में पिछले करीब एक साल से सिर्फ गर्भवती महिलाओं की ही सोनोग्राफी हो रही है. पथरी, पेट दर्द सहित अन्य महिला व अन्य रोग के मरीजों की सोनोग्राफी बंद है. अस्पताल में दो सोनोग्राफी मशीन होने के बाद भी रोगियों को बाहर मजबूरन निजी सेंटरों पर 800, 1500 से 2000 तक की मोटी फीस देकर सोनोग्राफी करवानी पड़ रही है. अस्पताल में डॉक्टर से चैकअप और सोनोग्राफी लिखी जाने के बाद रोगी को पता लगता है कि यहां सिर्फ गर्भवती महिलाओं की ही सोनोग्राफी होती है.
केंद्रों पर हो रही हैं 100 सोनोग्राफी
ज़ी मीडिया राजस्थान ने शहर के सोनोग्राफी सेंटरों पर प्रतिदिन होने वाली सोनोग्राफी की संख्या के आंकड़े जुटाए तो सामने आया कि रोज करीब 100 सोनोग्राफी इन केंद्रों पर हो रही हैं, जबकि 15 से 20 गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी अस्पताल में हो रही है. एक्सपर्ट के मुताबिक अस्पताल में एक रेडियोलॉजिस्ट या सोनोलॉजिस्ट डॉक्टर लगने पर रोज 30-35 सोनोग्राफी और हो सकती है. इन 35 रोगियों के निजी केंद्रों पर सोनोग्राफी के दिए जाने वाले औसतन 1000 रुपए के हिसाब से प्रतिदिन 35 हजार रुपए बच सकते हैं. इधर, निशुल्क मिलने वाली सुविधा का फायदा नहीं मिलने से रोगियों में आक्रोश भी है.
दो साल पहले 4 माह बंद रहने के बाद लगाए थे डॉक्टर
वर्ष 2020 में 1 अक्टूबर को डॉ. मैनपालसिंह का तबादला होने के बाद चार महीने तक सोनोग्राफी सेवा अस्पताल में बंद रही थी. बाद में विधानसभा उपचुनाव के समय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. महिपालसिंह व डॉ.जयसिंह पूनिया को लगाया था. महिपालसिंह ने ज्वाइन किया, जबकि डॉ. जयसिंह ने आज तक ज्वाइन नहीं किया. करीब एक साल तक डॉ. महिपाल के यहां काम करने के बाद पीजी में सलेक्शन होने के चलते पद रिक्त हो गया है. कई महीने सोनोग्राफी बंद रहने के बाद 28 मई 2022 को स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. खुशबू सोनी को गर्भवति महिलाओं की सोनोग्राफी के लिए लगाया गया.
सोनोग्राफी की सुविधा है बंद
सवा लाख से ज्यादा आबादी वाले सुजानगढ़ शहर सहित आस-पास के सैकड़ों गांवों के रोगियों के लिए सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में रोगियों को सोनोग्राफी सुविधा नहीं मिलना बड़ी गलत है. निशुल्क सोनोग्राफी की सुविधा नहीं होने से रोगियों की जेब से हर महीने लाखों रुपए लग रहे हैं. गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन चुकी है. अस्पताल का प्रतिदिन का आउटडोर 1000-1200 से ज्यादा रहता है. प्रतिदिन करीब 10 डॉक्टर्स के जरिए औसतन 100 सोनोग्राफी लिखी जा रही हैं. सोनोग्राफी के डॉक्टर नहीं होने से ऐसी दिक्कत है. गर्भवति महिलाओं के लिए एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को लगा रखा है. रेडियोलॉजिस्ट की डिमांड कर रखी है. डॉक्टर आने पर समाधान होगा.