Churu News: चूरू के सादुलपुर नगर पालिका मंडल की बजट बैठक आरोप और प्रत्यारोप के बीच नगर पालिका अध्यक्ष रजिया गहलोत की अध्यक्षता में हुई. बैठक में 83 करोड़ आठ लाख रुपए का प्रस्तावित बजट वित्तीय वर्ष 2024,सर्वसम्मति से पारित किया गया.बजट प्रारंभ से पूर्व नवनिर्वाचित विधायक मनोज न्यांगली का सभी पार्षदों ने करतल ध्वनि बजाकर एवं माल्यार्पण कर तथा पुष्प गुच्छ प्रदान कर स्वागत एवं अभिनंदन किया.


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 बैठक में अधिशासी अधिकारी सुमेर सांगवान ने बैठक प्रारंभ करने की अनुमति लेकर प्रस्तावित बजट पटल पर रखा तो सभी पार्षद बजट पारित होने से पूर्व गत बैठक में बिना किसी स्वीकृति के पास किए गए एजेंडो को सदन में रखने की मांग करने लगे.पार्षद जहीर अहमद ने कहा कि आज तक हुई बैठक का सिर्फ मजाक बनाया गया है.आठ माह के बाद बैठक हुई है.


 जबकि आठ माह पहले बैठक भी राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हुई थी,पार्षदों ने कहा कि पहले हुई बैठक में करोड़ों रुपए के गबन और घोटाले जांच होगी. पत्रावलियां सदन में होगी उसके बाद बजट बैठक पर चर्चा होगी.आरोप और प्रत्यारोप के बीच बैठक में एक बार हंगामे की स्थिति बन गई.बैठक में पार्षद राहुल पारीक ने महाराणा प्रताप चौक पर गंदे पानी की निकासी की समस्या का स्थाई समाधान करने,


बस स्टैंड पर बिगड़ी व्यवस्थाओं में सुधार करने की मांग की इसी बीच पार्षद राजेंद्र पटीर ने कहा कि बस स्टैंड पर प्रतिमा 80 हजार रुपए सफाई के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं जबकि सफाई व्यवस्था बिगड़ने के साथ-साथ आमजन को शौचालय तथा पानी आदि की भी व्यवस्था नहीं है. वर्क आर्डर के आदेश के बावजूद भी वार्डों में तीन सालों से काम शुरू नहीं हो पाया है.


पार्षदों ने शहर में व्याप्त अनेक मुद्दों के साथ ही गत बैठक में जो एजेंडे पारित किए थे.उसके अलावा अपनी मनमर्जी से रखे गए एजेंडों का विरोध किया. विधायक मनोज न्यांगली ने शांत करते हुए सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह जो बजट है इसमें जितने भी मद रखे गए हैं उसमें पिछली बार के मद एवं इस बार के मदो की तुलना की जावे और उसके बाद बजट पारित किया जाए जिस पर सभी पार्षद सर्व सम्मत हुए तथा विभिन्न मुद्दों पर चर्चाओं के बाद बजट को सर्वसम्मति से पारित किया गया। बैठक में पार्षदों द्वारा उठाए गए मुद्दों के मामले में नगरपालिका कार्मिक जवाब तक नहीं दे पाए.


नगर पालिका की बजट बैठक में नेता प्रतिपक्ष महेंद्र दिनोदिया ने नगर पालिका प्रशासन पर भारी भरकम सरकारी खजाने को लूटने का आरोप लगाते हुए कहा कि करोड़ों के विकास कार्यों का बजट स्वीकृत होकर उठा भी लिया गया. जबकि धरातल पर विकास कार्य हुए ही नहीं उन्होंने बताया कि नगरीय विकास कर की वसूली 2 साल से नहीं की गई. जबकि 50 करोड रुपए से अधिक रूपयो की वसूली बकाया पड़ी है। तीन माह से सफाई कर्मचारियों को देने के लिए तनखा नहीं है जबकि करोड़ों का भुगतान बिना कार्य के किया जा रहा है.


 उन्होंने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में पालिका द्वारा गोशाला के नाम पर 954803 रुपए खर्च करने, कब्रिस्तान और मोक्ष भूमि पर रंग रोगन के नाम पर 9 लाख 21 हजार 785 रुपए खर्च करने,मैदान के नवीनीकरण हेतु 28 लाख 52 हजार 412 रुपए खर्च करने एवं पार्कों के रखरखाव हेतु 18 लाख 55 हजार 73 खर्च करने वहीं पौधारोपण के नाम पर 37 लाख 76 हजार 739 रुपए खर्च करने का आरोप लगाया. बताया कि यह सारी राशियां उठकर बंदर बांट कर ली गई है.


 रोड लाइट पर एक करोड़ 5 लाख रुपए खर्च 


जबकि धरातल पर ऐसा कोई कार्य नहीं किया गया है, उन्होंने बताया कि डंपिंग यार्ड के नाम पर 14 लाख 18025 की राशि का गबन किया गया है. वहीं, विभिन्न निर्माण कार्य की 157 कार्यों में से 102 कार्य मात्र एक ही फर्म को करने के लिए दिए गए हैं.जो अपने आप में घोर भ्रष्टाचार है इसके साथ ही हायर सिक्योरिटी कैमरा लगाने के नाम पर एक करोड़ 26 लख रुपए व्यय किए गए हैं. जबकि ऐसा नहीं है.उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा रोड लाइट पर एक करोड़ 5 लाख रुपए खर्च करना दिखाए गए हैं.


रिपोर्टर- नवरत्न प्रजापति


 


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