Churu latest News: राजस्थान के चूरू जिले में नकली पुलिस बनकर लग्जरी लाइफ जीने वाली 24 वर्षीय अंजू शर्मा को साहवा पुलिस ने कल गिरफ्तार कर लिया है. जिसके गिरफ्तारी होने के बाद अब कई नए खुलासे भी सामने आए हैं. पुलिस ने नकली थानेदार को कल कोर्ट में पेश कर 6 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है. रिमांड अवधि में उससे पुलिस गहनता से पूछताछ करेगी. जिसमें कुछ नए खुलासे भी सामने आ सकते हैं. 


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साहवा थानाधिकारी अल्का बिश्नोई ने बताया कि नकली थानेदार अंजू शर्मा के पास तीन गाड़िया है. जो उसके पिता और पति के नाम से है. पति मोहित शर्मा खुद कंपटीशन की तैयारी करता है. पति व ससुराल के लोगों को नहीं पता था कि उनकी बहू नकली थानेदार बनकर लोगों से रुपये ऐंठने का काम कर रही है. तीन साल से दिल्ली पुलिस की फर्जी एसआई बनकर घूमने वाली अंजू शर्मा दो भाई बहनों में खुद बड़ी है.


 



इसका 19 वर्षीय छोटा भाई पढ़ाई करता है. इसके पिता खेतीबाड़ी करते हैं. माता-पिता को भी केवल इतना पता है कि वह पुलिस में है. मगर पुलिस में वह क्या है और कहा है इसका पता उनको भी नहीं है. थानाधिकारी अल्का बिश्नोई ने बिश्नोई ने बताया कि फर्जी थानेदार बनकर घूमने वाली अंजू शर्मा दसवीं में तीन बार फैल हो चुकी है. उसको पुलिस के द्वारा किए जाने वाले सामान्य काम के बारे में भी कुछ पता नहीं है.


 



इस फर्जी महिला थानेदार के झांसे में कई बेरोजगार युवा आ चुके हैं. फर्जी थानेदार बनकर चूरू हनुमानगढ, फतेहाबाद, सिरसा, पानीपत के कई युवक व युवतियों को सरकारी नौकरी में भर्ती का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठगने की भी बात अब सामने आ रही है. इस फर्जी महिला थानेदार ने फर्जी पुलिस आईडी कार्ड, पुलिस की वर्दी, कैप, बेल्ट पहनकर टोल, मंदिरों, पार्किंग का दिल्ली जयपुर, हरियाणा में तीन साल से वी.आई.पी सुविधा का फायदा उठा रही थी.


 



डीसीपी रोहित सांखला ने बताया कि साहवा पुलिस को सूचना मिली कि पुलिस थाना साहवा द्वारा देवगढ़ गांव की महिला अंजू शर्मा द्वारा पिछले काफी समय से दिल्ली पुलिस में धौला कुआं थाना क्षेत्र की महिला उप निरीक्षक बताकर वीआईपी सुविधा लेना व बेरोजगार युवक व युवतियों को सरकारी नौकरी में भर्ती कराने के एवज में लाखों रुपये एंठती है. 


 



जिसपर महिला अंजू शर्मा के बारे में गोपनीय रूप से जानकारी ली गई तथा संदिग्ध महिला अंजू शर्मा को दस्तयाब कर दिल्ली पुलिस उप निरीक्षक से संबंधित दस्तावेज व पदस्थापन के संबंध में पूछताछ की गई, तो अंजू शर्मा ने स्वयं को दिल्ली पुलिस में फर्जी थानेदार बनकर पिछले तीन साल से दिल्ली में रहकर अपने रिस्तेदारों परिवारजन, पड़ोसियों को दिल्ली पुलिस में थानेदार बताकर लोगों को नौकरी लगाने का झांसा देकर लाखों रुपये एंठने की बात सामने आई. 


 



फर्जी महिला थानेदार से पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर थाना इलाका के कई लोगों द्वारा अंजू शर्मा द्वारा सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने की सूचना प्राप्त होने पर थानाधिकारी द्वारा टीम का गठन किया गया. डीएसपी रोहित सांखला ने बताया कि कल 29 अक्टूबर को साहवा निवासी अर्जुन लाल जाति नाई उम्र 25 वर्ष ने पुलिस थाना साहवा में उपस्थित होकर अंजू शर्मा पुत्री रामचंद जाति ब्राह्मण निवासी देवगढ़ पुलिस थाना साहवा द्वारा स्वंय को दिल्ली पुलिस में उप निरीक्षक पद पर पदस्थापित होने व परिवादी को दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर नौकरी देने के नाम पर 12,93,000 रूपये एंठने पर रिपोर्ट पेश की. 


 



जिस पर अभियोग संख्या 163/2024 धारा 420,406,170 भादस में दर्ज कर फर्जी महिला उपनिरीक्षक अंजू शर्मा से पूछताछ कर मुकदमे में गिरफ्तार किया गया. तप्तीश के दौराने अंजू शर्मा के कब्जा से दिल्ली पुलिस का फर्जी आई कार्ड जब्त किया गया. गिरफ्तार अंजू शर्मा के मोबाईल फोन में दिल्ली पुलिस की यूनिफार्म में स्वयं के फोटाग्राफ व वीडियो मिले हैं. इस इस सबधं में जांच जारी है.