Churu news: राजस्थान के चूरू जिला कलेक्ट्रेट के सामने क्रॉप कटिंग के आधार पर बीमा क्लेम सहित विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को किसानों ने एकजुटता महारैली का आयोजन किया. महारैली में  जिलेभर से बड़ी संख्या में किसान एकत्रित हुए हैं. किसानों का कलेक्ट्रेट के घेराव की रूपरेखा बनाई गई. जिसको देखते हुए पुलिस का भारी जाप्ता तैनात किया गया है. जिले के आला अधिकारियों सहित आरएसी का जाप्ता भी लगाया गया है. इसके अलावा बीकानेर से अतिरिक्त पुलिस फोर्स बुलाई गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 कलेक्ट्रेट के सामने से यहां व्यवस्था बनाए रखने के लिए जयपुर रोड के रास्ते को डायवर्ट किया गया है. फसल बीमा क्लेम की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान शाम करीब साढ़े छह बजे बाद जिला कलेक्टर की कोठी के सामने सड़क पर बैठ कर जाम लगा दिया. सड़क पर बैठे लोगो ने आने जाने वाले वाहनों को रोककर प्रदर्शन किया. सूचना पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने सड़क पर बैठे किसानों से समझाइश की. मगर किसान नही माने. किसानों ने करीब बीस मिनट तक सड़क पर बैठ कर प्रदर्शन किया. 


यह भी पढ़े- Video: नई बहुओं ने घूंघट काढ़ कर किया कमरतोड़ डांस, संस्कारी लुक में भाभियों ने काटा हल्ला


कलेक्टर सर्किल की मुख्य सड़क पर कब्जा


इस दौरान आने जाने वाले वहां चालक को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बडी संख्या में पुलिस जाता मौजूद रहा. वहीं आरएसी ने भी अपना मोर्चा संभाले रखा. आक्रोशित किसानों ने कलेक्टर सर्किल की मुख्य सड़क पर अपना कब्जा कर लिया है. जिनकी आगे पुलिस भी बेबस नजर आ रही है. इस दौरान प्रथम दौर की वार्ता विफल होने पर शाम को फिर वार्ता की गई, जिसमे पहले किसानों की ओर से अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य निर्मल प्रजापत, महामंत्री उमराव सिंह, प्रदेश महामंत्री छगनलाल चौधरी, डूंगरगढ़ विधायक गिरधारीलाल माहिया सहित अनेक किसान प्रतिनिधि मौजूद थे. 


वहीं प्रशासन की ओर से जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग, तारानगर एसडीएम और सादलपुर एसडीएम भी मौजूद थे. मगर किसानों की पहली वार्ता विफल रही. जिस पर प्रशासन ने दो घंटे बाद पांच बजे फिर से वार्ता के लिए किसानों को बुलाया है. इसके बाद ही किसान आगे की रणनीति तय करेंगे. किसान सभा के राज्य कमेटी दस्य एडवोकेट निर्मल प्रजापति ने बताया कि किसान एकजुटता रैली में जिलेभर के किसान शामिल हुए हैं. जब किसान महापड़ाव शुरू हुआ था. तब सरकार के अफसरों ने दस दिन का समय मांगा था और विश्वास दिलाया था कि सभी व्यवस्थाएं ठीक कर देगें. मगर आज 68 दिन बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.


यह भी पढ़े- World News: बिल्ली को जान से मारने की धमकी देकर करता रहा चचेरी बहन से बलात्कार, ऐसे खुली पोल


 उन्होंने बताया कि किसानों का मुख्य मुद्दा खरीफ 2021 की फसल बीमा क्लेम क्रॉप कटिंग की रिपोर्ट को खारिज करके सेटेलाइट के आधार पर दिया जो अव्यवहारिक है. जिले के 72 हजार किसानों का बैंकों की लापरवाही से प्रीमियम पोर्टल पर अपलोड नहीं हुआ. उस पर कोई अंतिम निर्णय अभी तक नहीं हुआ है. इसके अलावा 12 हजार किसानों का फसल बीमा पॉलिसी बीमा कंपनियों के द्वारा बिना किसी वजह से रिजेक्ट कर दी गई. उन पॉलिसी को स्वीकार करवाना यह तीन मुख्य मुद्दे हैं.