Churu News: चूरू के सादुलपुर हमीरवास थाना अंतर्गत गांव भेसली में गत एक पखवाड़े से एक मकान में लग रही रहस्य मयी आग, जहां जन चर्चा का विषय बनी हुई है. वहीं, आग की लगने की सूचना पर मौके पर पहुची पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया. पुलिस की गाड़ी को लाठी और और पत्थरों से क्षतिग्रस्त कर दिया.


कोई कार्रवाई नहीं हो रही है


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 पुलिस के जवानों को खेतों में भाग कर अपनी जान बचानी पड़ी. घटना में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हो गए.जबकि ग्रामीणों का कहना है कि गांव के भूप सिंह के मकान में लगातार गत पन्द्रह दिनों से अज्ञात कारणों के चलते आग लग रही है. शिकायतों के बावजूद भी प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.


ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया


 प्राप्त पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस को सूचना मिली कि गांव में आग लग गई है,जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची तो बिना किसी कारण के ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया. पुलिस की गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया. घटना में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हो गए.वहीं, अचानक हुए हमले से पुलिस भी घबरा गई तथा खेतों में भाग कर पुलिस को जान बचानी पड़ी.


 घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा घटना का मौका निरीक्षण किया.मामले को लेकर पुलिस को ग्रामीणों के रोष का सामना करना पड़ा है.ग्रामीणों ने कहा कि जिस प्रकार अज्ञात कारणों के चलते आग लग रही है.अगर यही स्थिति रही तो गांव में बड़ा हादसा हो सकता है.


 सूचना के बाद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है


इस अवसर पर उपस्थित आईपीएस अधिकारी प्रशांत किरण तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोरी लाल ने ग्रामीणों से वार्ता की है, अज्ञात कारणों के चलते लग रही आज के संबंध में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि गत 15 दिनों से लगातार शासन और प्रशासन को सूचना दी जा रही है कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.


लेकिन पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाइस कर मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया इसके अलावा किसी भी अनहोनी घटना की संभावना को देखते हुए पुलिस ने पुलिस लाइन चूरू से भी अतिरिक्त जाप्ता मंगवा लिया है.


इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार को सुबह अचानक पशु चारे में आग लग गई तथा तेज हवाओं के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया ग्रामीणों ने फायर ब्रिगेड बुलाकर आग पर काबू भी पाया.


 लेकिन गांव में बिजली नहीं होने के कारण पानी की व्यवस्था होना संभव नहीं था जिस पर ग्रामीणों ने मौके पर ही फायर ब्रिगेड को रखने का निर्णय किया ताकि पुनः आग लगने पर आग पर काबू पाया जा सके. लेकिन फायर ब्रिगेड चालक पानी लाने या पुलिस के दबाव से गांव से चला गया इसी आक्रोश का पुलिस को सामना करना पड़ा.


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